रांची: समाज कल्याण, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने बुधवार को विभागीय योजनाओं की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में उन्होंने पूरक पोषाहार कार्यक्रम का लाभ लाभुकों तक पहुंचाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि राज्य भर में 38400 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. इन केंद्रों पर रेडी टू-ईट कार्यक्रम के तहत कुपोषित बच्चों, […]
रांची: समाज कल्याण, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने बुधवार को विभागीय योजनाओं की समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में उन्होंने पूरक पोषाहार कार्यक्रम का लाभ लाभुकों तक पहुंचाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि राज्य भर में 38400 आंगनबाड़ी केंद्र हैं.
इन केंद्रों पर रेडी टू-ईट कार्यक्रम के तहत कुपोषित बच्चों, गर्भवती माताओं और धातृ माताओं को समय पर पूरक पोषाहार के पैकेट वितरित किये जायें. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि 13वें वित्त आयोग से नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए दी गयी 110 करोड़ की राशि में से कितने केंद्र बने. विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी स्वीकृत योजनाओं और लंबित योजनाओं को एक समय-सीमा में पूरा किया जाये.
अधिकारियों की ओर से बताया गया कि कुल केंद्रों में से आज भी आधे आंगनबाड़ी किराये के मकान में चल रहे हैं. इससे विभाग पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ता है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मामले की विस्तृत समीक्षा की जायेगी. विभागीय मंत्री ने सबला योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, विवेकानंद नि:शक्त छात्रवृत्ति योजना, केंद्रों पर मेडिसिन किट के माध्यम से साधारण बीमारी के प्राथमिक उपचार की स्थिति, बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा से प्रशिक्षण दिये जाने, किशोर न्याय अधिनियम के तहत संचालित जिलों के प्रोबेशन होम की स्थिति, झारखंड में अनाथ और निराश्रित बच्चों के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी भी ली.
उन्होंने कहा कि अब भी राज्य से महिलाओं, बच्चों, बालिकाओं का मानव व्यापार और पलायन हो रहा है. इसके लिए सरकार के स्तर पर क्या कार्रवाई की जा रही है. इसकी वस्तु स्थिति से उन्हें अवगत कराया जाये. विभाग के तहत महिलाओं के लिए चल रहे छात्रावास की स्थिति, महिला हेल्पलाइन में आ रही शिकायतों का निबटारा, नारी निकेतन, अल्प अवधि के विश्रम गृह और प्रशिक्षण केंद्र के बारे में भी उन्होंने विशेष जानकारी ली.
रेडी टू ईट मामले पर केंद्रीय मंत्री से मिलेंगी
डॉ मरांडी ने कहा कि रेडी टू-ईट पोषाहार कार्यक्रम को लेकर वह जल्द ही केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी से मिलेंगी. उन्होंने कहा कि वह इस योजना के बारीकियों का अध्ययन कर रही हैं. इसकी गुणवत्ता और अन्य मामलों पर भी उनकी नजर है. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि राज्य में किन-किन कंपनियों को किस आधार पर रेडी-टू-ईट पोषाहार कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया.