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निश्चित समयसीमा में गंगा को करें प्रदूषण मुक्त : मोदी

आधुनिक श्मशान घाट का निर्माण व प्रदूषित करनेवाले उद्योगों पर कार्रवाई करेंनयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक निश्चित समय सीमा के भीतर एकाग्रचित्त होकर गंगा के प्रदूषण को समाप्त करने का आ ान करते हुए इस पवित्र नदी के किनारे पर्यावरण के अनुकूल आधुनिक श्मशान घाट बनाने तथा अपशिष्ट जल का प्रवाह करनेवाले उद्योगों […]

आधुनिक श्मशान घाट का निर्माण व प्रदूषित करनेवाले उद्योगों पर कार्रवाई करेंनयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक निश्चित समय सीमा के भीतर एकाग्रचित्त होकर गंगा के प्रदूषण को समाप्त करने का आ ान करते हुए इस पवित्र नदी के किनारे पर्यावरण के अनुकूल आधुनिक श्मशान घाट बनाने तथा अपशिष्ट जल का प्रवाह करनेवाले उद्योगों के खिलाफ कार्रवाई करने के सुझाव दिये. उन्होंने ‘नमामी गंगे परियोजना’ पर मंगलवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उक्त सुझावों के साथ कहा कि इस परियोजना को प्रदूषण के स्रोत पर ही नियंत्रण लाने के लिए मुख्यत: दो बातों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.’गंगा वाहिनी’ स्वयंसेवी नेटवर्क को मंजूरीप्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, भारत की इस प्रमुख नदी का प्रदूषण सामाप्त करने में मदद के लिए ‘गंगा वाहिनी’ नामक स्वयंसेवियों का नेटवर्क बनाने को भी मंजूरी दी गयी है. इस नेटवर्क को कामकाजी बनाने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं. ऐसी 118 स्थानीय निकाय इकाइयों की पहचान की गयी है जिन्हें पांच साल के भीतर प्रदूषण समाप्त करने के लिए सक्रिय किया जायेगा.प्रदूषण फैलानेवाली 764 इकाइयों की शिनाख्तबैठक में प्रधानमंत्री को बताया गया कि गंगा को सबसे अधिक प्रदूषित करने वाले मुख्य कारक कौन से हैं. गंगा के आस-पास की ऐसी 764 औद्योगिक इकाइयों की शिनाख्त की गयी जो नदी को प्रदूषित करती हैं. इनमें तीन-चौथाई चमड़ा, लुगदी एवं कागज तथा चीनी से संबंधित उद्योग हैं. बैठक में केंद्रीय मंत्रियों में एम वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी, उमा भारती और प्रकाश जावड़ेकर के अलावा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए.

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