रांची: राज्य के विभिन्न जनसंगठनों की बैठक शनिवार को ‘बगईचा’ नामकुम में हुई, इस बैठक में भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन, कोल ब्लॉक के निजी हाथों में आवंटन, स्वास्थ्य सुविधाओं के निजीकरण, समाज के संप्रदायीकरण सहित कई विषयों पर चर्चा हुई. इसमें वक्ताओं ने कहा कि भूमि अधिग्रहण अध्यादेश से संवैधानिक अधिकार प्रभावित होंगे.
विभिन्न उद्देश्यों के नाम पर सरकार को ग्रामसभा व जमीन मालिकों की सहमति के बिना जमीन लेने का अधिकार मिल जायेगा. निर्णय लिया गया कि इसके खिलाफ जनमत तैयार किया जायेगा और 24 जनवरी को एक बड़ी रैली निकाली जायेगी.
बैठक में प्रो ज्यां द्रेज, फादर स्टेन स्वामी, प्रो संजय बसु मल्लिक, दयामनी बारला, फैसल अनुराग, डॉ एलेक्स एक्का, शंभु महतो, पीपी वर्मा, अरविंद अंजुम, उमेश नजीर, अशोक वर्मा सहित 80 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए.
बैठक में ये संगठन हुए शामिल
बैठक में झारखंड जंगल बचाओ आंदोलन, झारखंड माइंस एरिया कोऑर्डिनेशन कमेटी, आजादी बचाओ आंदोलन, झारखंड नागरिक प्रयास, झारखंड विस्थापन विरोधी नवनिर्माण मोरचा, आदिवासी महासभा, भारत जन आंदोलन, हॉफमैन लॉ एसोसिएट्स, विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन, प्राध्यापक, अधिवक्ता व विद्यार्थी शामिल हुए.
कॉल ब्लॉक मामले में आठ को विरोध प्रदर्शन
कोल ब्लॉक को निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ आठ जनवरी को अलबर्ट एक्का चौक पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. कोयला क्षेत्र में छह से नौ जनवरी तक आहूत हड़ताल का समर्थन भी करेंगे. स्वास्थ्य सुविधाओं के निजीकरण के खिलाफ छह जनवरी को विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया जायेगा. सदर अस्पताल के निजीकरण के खिलाफ छह फरवरी को सदर अस्पताल से नेपाल हाउस तक मार्च किया जायेगा और स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा.