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लिट्टे का खतरा अभी भी खत्म नहीं हुआ

महिंदा राजपक्षे के भाई रक्षा सचिव गोटाभय राजपक्षे ने कहा, अभी भी विदेशों में है सक्रिय तमिल बहुल क्षेत्रों से सेना हटाने की मांग को किया खारिजकोलंबो. श्रीलंका के एक शीर्ष अधिकारी ने तमिल बहुल उत्तरी क्षेत्र में सेना की उपस्थिति घटाने की मांग करने पर विपक्ष की आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि […]

महिंदा राजपक्षे के भाई रक्षा सचिव गोटाभय राजपक्षे ने कहा, अभी भी विदेशों में है सक्रिय तमिल बहुल क्षेत्रों से सेना हटाने की मांग को किया खारिजकोलंबो. श्रीलंका के एक शीर्ष अधिकारी ने तमिल बहुल उत्तरी क्षेत्र में सेना की उपस्थिति घटाने की मांग करने पर विपक्ष की आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि लिट्टे का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और विद्रोही संगठन अब भी विदेशों में सक्रिय है. रक्षा सचिव गोटाभय राजपक्षे ने चुनाव में अपने भाई और वर्तमान राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के पक्ष में एक रैली में कहा, ‘प्रभाकरण जरूर मारा गया, लेकिन यदि कोई सोचता है कि खतरा समाप्त हो गया तो यह सच नहीं है. जो भाग गये वे विदेशों में सक्रिय हैं.’ लिट्टे के विरुद्ध लड़ाई मंे अग्रणी रहे रक्षा सचिव ने कहा, ‘आतंकवादी अभियान बहाल कर रहे लिट्टे का खतरा हकीकत है और देश 80 के दशक के आतंकवाद के अंधेरे युग में लौट सकता है.’ उन्होंने कहा, ‘काफी जद्दोजेहद के बाद हम राष्ट्रीय सुरक्षा कायम रख पाये हैं. अतएव, जो लोग उत्तरी क्षेत्र में सैन्य शिविर घटाने की कोशिश कर सत्ता चाहते हैं वे गलत हैं.’श्रीलंका में आठ जनवरी को चुनाव है. 68 वर्षीय राजपक्षे लगातर तीसरे कार्यकल के लिए प्रयासरत हैं. राष्ट्रपति के इस कदम को उनकी घटती लोकप्रियता के संकेत के बीच ताजा छह वर्षीय जनादेश हासिल करने की कोशिश के रूप देखा जा रहा है. राजपक्षे के प्रचार के दौरान विपक्षी उम्मीदवार मैत्रिपाल सिरीसेना पर उत्तरी क्षेत्र में सैन्य उपस्थिति घटाने के लिए तमिल नेशनल एलायंस के साथ समझौता करने का आरोप लगाया गया है, हालंाकि सिरीसेना और टीएनए ने इसका खंडन किया है.

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