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दवा नहीं होने से बेकार बैठे हैं 332 आयुष चिकिस्तक रांची : राज्य भर में आयुर्वेदिक, योग, यूनानी, सिद्धा व होमियोपैथी (आयुष) दवाएं नहीं है. इनकी खरीद गत दो वर्षो से नहीं हो रही है. दूसरी ओर वर्ष 2009-10 में ही एनआरएचएम के लिए केंद्र से मिले चार करोड़ रुपये बेकार पड़े हैं. इधर स्वास्थ्य […]
दवा नहीं होने से बेकार बैठे हैं 332 आयुष चिकिस्तक
रांची : राज्य भर में आयुर्वेदिक, योग, यूनानी, सिद्धा व होमियोपैथी (आयुष) दवाएं नहीं है. इनकी खरीद गत दो वर्षो से नहीं हो रही है. दूसरी ओर वर्ष 2009-10 में ही एनआरएचएम के लिए केंद्र से मिले चार करोड़ रुपये बेकार पड़े हैं.
इधर स्वास्थ्य विभाग आयुष चिकित्सकों से बगैर काम लिये उन्हें हर माह लगभग 1.10 करोड़ रुपये वेतन का भुगतान कर रहा है. आयुष चिकित्सा से संबंधित दवाएं न रहने से कुल 332 चिकित्सक बेकार हो गये हैं. इनमें से 104 स्थायी चिकित्सक हैं, जिन्हें पूर्णकालीन या प्रभारी चिकित्सक के रूप में राज्य भर के कुल 182 आयुष चिकित्सा केंद्रों पर नियुक्त किया गया है. दवा न रहने से इन केंद्रों पर कोई नहीं जाता. शेष 228 चिकित्सक राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के तहत बहाल अनुबंधित चिकित्सक हैं. सरकार अनुबंधित चिकित्सक को प्रति माह 22 हजार रुपये वेतन देती है. वहीं स्थायी चिकित्सकों का वेतन करीब 50 हजार रुपये प्रति माह है. उधर स्वास्थ्य विभाग में भी आयुष दवाओं की खरीद लटकी हुई है.
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