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फेल है क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम
मनोज लाल रांची : राज्य में सड़क निर्माण के लिए बना क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम फेल है. मेटेरियल जांच किये बिना ही सड़कों का निर्माण हो रहा है. यानी निर्माण में सही मेटेरियल लग रहा है या नहीं, इसे सब नजरअंदाज कर रहे हैं. इसकी वजह से घटिया सड़क निर्माण की शिकायतें आ रही है. कई […]
मनोज लाल
रांची : राज्य में सड़क निर्माण के लिए बना क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम फेल है. मेटेरियल जांच किये बिना ही सड़कों का निर्माण हो रहा है. यानी निर्माण में सही मेटेरियल लग रहा है या नहीं, इसे सब नजरअंदाज कर रहे हैं. इसकी वजह से घटिया सड़क निर्माण की शिकायतें आ रही है. कई जगहों पर सड़क बनने के कुछ दिनों बाद ही टूट जा रही है.
सड़क की स्थिति देखने से ही घटिया मेटेरियल का पता चल जाता है. सबसे अहम बात यह है कि राज्य के ठेकेदारों के पास मेटेरियल की गुणवत्ता जांचने के लिए कोई व्यवस्था ही नहीं है. ठेकेदारों को लैब स्थापित करना था, पर गिने-चुने ठेकेदारों के पास ही अपना लैब है.
राज्य में सड़कों की जांच के लिए पथ निर्माण विभाग ने त्रिस्तरीय व्यवस्था की है. सबसे पहले मेटेरियल की जांच ठेकेदारों के लैब में होना है. यहां की जांच रिपोर्ट को संबंधित इंजीनियर प्रमाणित करेंगे, तभी मेटेरियल का इस्तेमाल होगा. वहीं प्रमंडलों में स्थित प्रयोगशाला में भी जांच का प्रबंध किया गया है. साथ ही राज्य स्तर पर भी लैब बनाया गया है.
निदेशालय का भी किया गया है गठन
राजधानी में पथ निर्माण विभाग के अधीन एक निदेशालय बनाया गया है. इसके निदेशक अधीक्षण अभियंता स्तर के इंजीनियर को बनाया गया है. इस विंग में कार्यपालक अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक की पोस्टिंग की गयी है. जरूरत पड़ने पर निदेशालय से टीम राज्य के विभिन्न हिस्सों में जायेगी और सड़कों की गुणवत्ता जांच करेगी.
पीएमजीएसवाइ की सड़कों की मरम्मत होगी
रांची : राज्य सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों का मेंटेनेंस करायेगी. इसके लिए झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने प्रयास शुरू कर दिया है. जेएसआरआरडीए ने फंड की व्यवस्था करके खराब सड़कों के मेंटेनेंस का टेंडर निकाला है. टेंडर लेनेवालों को पांच वर्षो तक मेंटेनेंस का काम करना होगा. यानी सरकार उसके साथ पांच वर्षो का एग्रीमेंट करेगी. इस दौरान अगर सड़क की स्थिति खराब होती है, तो इसके रिपेयर का जिम्मा काम लेनेवाली एजेंसी का ही होगी.
लंबे समय से नहीं हो रहा है मेंटेनेंस : पीएमजीएसवाइ के तहत सड़क का निर्माण तो हो गया, लेकिन उसके मेंटेनेंस के लिए सरकार के पास पैसे नहीं थे. इस वजह से सड़कों के मेंटेनेंस में काफी समस्या आ रही थी. करीब हर जिले की ग्रामीण सड़कें खराब हो गयी है. कई सड़कें तो पांच-छह साल पहले बनी थी. रिपेयर नहीं होने से वे जजर्र हो गयी हैं.
फेज चार व सात की सड़कों का होगा मेंटेनेंस : पीएमजीएसवाइ फेज चार व सात की सड़कों का मेंटेनेंस होना है. इसके लिए जेएसआरआरडीए ने कार्रवाई भी शुरू की है. जल्द ही एजेंसियों को काम दे दिया जायेगा और मेंटेनेंस शुरू हो जायेगा.
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