रांची: झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को बढ़ती छेड़खानी व दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. पाकुड़ दुष्कर्म की घटना को गंभीरता से लेते हुए जस्टिस एनएन तिवारी व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने सरकार को कड़ी फटकार लगायी.
खंडपीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जब घटना घट जाती है, तब जा कर पुलिस की नींद खुलती है. पुलिस सतर्क नहीं रहती है. छात्राओं के साथ लगातार घटनाएं घट रही है. ऐसा लगता है कि छेड़खानी व दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार के पास कोई योजना ही नहीं है. खंडपीठ ने महाधिवक्ता से पूछा कि महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. छेड़खानी रोकने के लिए कानून बनाये. कोर्ट ने छेड़खानी व दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया. एक्शन प्लान की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को देने का निर्देश दिया.
खंडपीठ ने कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि सुदूरवर्ती इलाकों में छात्रावास बनते हैं, तो वहां सुरक्षा की क्या व्यवस्था है, ताकि भविष्य में दोबारा पाकुड़ जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो सके. खंडपीठ ने कहा कि पूर्व में स्पेशल मुहल्ला कमेटी बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक उसका गठन नहीं किया गया है. खंडपीठ ने शीघ्र कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया. कमेटी में वार्ड पार्षद, प्रशासन के अधिकारी, थाना के अधिकारी, स्थानीय लोगों को शामिल किया जाये. रांची नगर निगम को निर्देश दिया कि गर्ल्स हॉस्टलों में सुरक्षा का अभाव है. हॉस्टलों के संचालन के लिए नगर निगम को नियम बनाने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि प्रशासन के साथ आम लोगों को भी सजग होना पड़ेगा. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रेस, बार काउंसिल एवं आम लोगों से सुझाव मांगा. सरकार की ओर से महाधिवक्ता मो सुहैल अनवर ने पक्ष रखा. मामले की सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी.