रांची: वनपाल से वन क्षेत्र पदाधिकारी में प्रमोशन हुए एक साल हो गया, लेकिन उनकी पोस्टिंग अभी तक नहीं हुई है. 65 वनपालों की पदोन्नति आठ जनवरी 2014 को हुई थी. एक साल से इन्हें पदस्थापन करने की संचिका सचिवालय का चक्कर काट रही है. इसी बीच सात नव प्रोन्नत वन क्षेत्र पदाधिकारी बिना प्रमोशन वाले पद पर काम किये ही रिटायर हो गये. एक दिसंबर माह के अंत में रिटायर हो जायेंगे.
इससे इन वन क्षेत्र पदाधिकारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. इनमें से कुछ वन क्षेत्र पदाधिकारियों को निदेशालय स्तर से ही पदस्थापन कर दिया गया. अदालत ने आदेश दिया था कि आचार संहिता समाप्त होते ही इनका पदस्थापन कर दिया जाये, लेकिन इसका भी पालन नहीं किया गया है. रिक्त पदों के विरुद्ध वन क्षेत्र पदाधिकारी के पद पर इन वनपालों की पदोन्नति की गयी थी. इनके पदस्थापन के लिए दो बार स्थापना समिति की बैठक भी की गयी है. विभागीय मंत्री की हैसियत से तत्कालीन मंत्री हेमंत सोरेन ने 24 जनवरी को इसका अनुमोदन किया था.
पीसीसीएफ स्तर से पदस्थापित हुए
नव प्रोन्नत रेंजरों में से कई को प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर से पदस्थापित किया गया है. मार्च में एक, मई में एक तथा अगस्त में एक अफसर को पदस्थापित किया गया है. दिसंबर में तीन नव प्रोन्नत अफसरों को प्रभार भी दिया गया है. जबकि शेष पदाधिकारियों को रिक्त पदों के विरुद्ध प्रभार भी नहीं दिया गया है.
जो रिटायर हो गये
जगमोहन महतो, अजीत नारायण सिंह, नवल किशोर पांडेय, विजय तुरी, विपता भगत, शंभूनाथ तिवारी, विष्णु देव राम, जनार्दन बारदा (दिसंबर में रिटायर होंगे).
जनवरी में रिटायर होंगे
मो जफ ीर आलम, बसंत कुमार, रवींद्र पासवान.