रांची: अपराध नियंत्रण के लिए राजधानी में विभिन्न पुराने मामलों में जेल जा चुके अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने और उनके ठिकानों पर छापेमारी करने का निर्देश नहीं माना जा रहा है. यह निर्देश एसएसपी प्रभात कुमार और सिटी एसपी अनूप बिरथरे ने सभी थानेदारों को जून माह के अंत में दिया था.
जून में हत्या की कई घटनाओं को सक्रिय अपराधियों ने अंजाम दिया था. इसके बाद थानेदारों को 105 गिरोह के अपराधियों की सूची दी गयी थी. सूची में करीब 770 अपराधियों के नाम शामिल थे.
घटना- एक
अरगोड़ा थाना क्षेत्र के हरमू बिजली ऑफिस के पास गत शुक्रवार को अरगोड़ा ऑटो स्टैंड के ठेकेदार शक्ति सिंह की हत्या. शक्ति सिंह संदीप थापा गिरोह से जुड़ा था. घटना में शामिल चार संदिग्धों में से तीन हाल में जेल से जमानत पर निकले हैं. जमानत पर बाहर आने के बाद इन अपराधियों पर पुलिस की ओर से निगरानी नहीं रखी गयी.
घटना- दो
धुर्वा थाना क्षेत्र निवासी पार्षद रत्नेश कुमार की 28 नवंबर को गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. हत्याकांड में मुख्य आरोपी राजीव रंजन सिंह पहले भी रत्नेश पर फायरिंग कर चुका था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था, लेकिन जब राजीव रंजन सिंह जमानत पर बाहर निकला. तब उसकी गतिविधियों पर निगरानी रखना पुलिस ने छोड़ दिया.
घटना- तीन
अरगोड़ा थाना क्षेत्र में सीसीएल कर्मी अशोक पासवान की 15 दिसंबर को गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस हत्याकांड में पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन सुराग नहीं मिला. इसमें भी पेशेवर अपराधी के हाथ होने की बात सामने आयी है, लेकिन अभी हत्याकांड को अंजाम देनेवाले अपराधी के संबंध में पता नहीं लगाया जा सका है.
निगरानी के लिए इन बिंदुओं पर दिया था निर्देश
सक्रिय अपराधियों के खिलाफ और उनके ठिकानों पर रोजाना छापेमारी हो.
अपराधियों के बारे यह पता लगाना था कि वे वर्तमान में क्या कर रहे हैं.
अपराधियों को संरक्षण देनेवालों के संबंध में पता लगाने को कहा गया था.
जेल से जमानत पर निकलने के बाद अपराधी कहां, क्या करता है.
संबंधित थाना के एक पदाधिकारी जेल जानकारी एकत्र करेंगे.