– बिरसा समाधि स्थल में हुई विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठकसंवाददाता, रांचीविभिन्न आदिवासी संगठनों ने झारखंड के लिए आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग की है. बिरसा समाधि स्थल में केंद्रीय सरना समिति द्वारा बुलायी गयी आपात बैठक में शामिल फूलचंद तिकी, मेघा उरांव, भगत उरांव, जयंत टोप्पो, शिवा कच्छप, सुनील फकीरा कच्छप, कृष्णकांत उरांव, संदीप उरांव, रंजीत टोप्पो, प्रेमशाही मुंडा व अन्य ने कहा कि राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी होना चाहिए. इस राज्य का निर्माण लंबे संघर्ष, त्याग और बलिदान से हुआ है, जिसमें आदिवासियों ने प्रमुख भूमिका निभायी थी. शहीद बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, तेलंगा खडि़या, वीर बुधु भगत, कार्तिक उरांव आदि के बलिदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. इसलिए राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी ही होना चाहिए. फूलचंद तिर्की ने कहा कि यदि आदिवासी मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया, तो उग्र आंदोलन चलाया जायेगा. असम के मुख्यमंत्री का पुतला जलायेंगेअसम में झारखंडी आदिवासियों की हत्या के खिलाफ विभिन्न आदिवासी संगठन 26 दिसंबर को अपराह्न दो बजे जयपाल सिंह स्टेडियम से अलबर्ट एक्का चौक तक प्रतिशोध मार्च निकालेंगे और असम के मुख्यमंत्री का पुतला दहन करेंगे. इस कार्यक्रम में सरना प्रार्थना सभा, आदिवासी जन परिषद व अन्य संगठनों के सदस्य शामिल रहेंगे.
विभिन्न संगठनों ने की आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग
– बिरसा समाधि स्थल में हुई विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठकसंवाददाता, रांचीविभिन्न आदिवासी संगठनों ने झारखंड के लिए आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग की है. बिरसा समाधि स्थल में केंद्रीय सरना समिति द्वारा बुलायी गयी आपात बैठक में शामिल फूलचंद तिकी, मेघा उरांव, भगत उरांव, जयंत टोप्पो, शिवा कच्छप, सुनील फकीरा कच्छप, कृष्णकांत उरांव, संदीप उरांव, […]
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