जेवीएम कार्यालय से लाइवराजेश झा/ संवाददाताझारखंड विकास मोरचा कार्यालय में सुबह नौ बजे चहल-पहल थी. पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी कार्यकर्ताओं के साथ टीवी पर चुनाव परिणाम का रुझान देख रहे थे. कार्यकर्ता अपना-अपना तर्क दे रहे थे. कोई कोलहान का तो कोई पूर्वी सिंहभूम की रिपोर्ट दे रहा था. 10 बजते-बजते कार्यकर्ताओं में काना-फूसी शुरू होने लगी और कार्यकर्ता धीरे-धीरे निकलने लगे. विभिन्न चैनलों के लोग बाबूलाल मरांडी से प्रतिक्रिया ले रहे थे. रुझान में पीछे चल रहे बाबूलाल पल-पल की खबर ले रहे थे. पार्टी प्रत्याशी कहां आगे और पीछे है इसकी जानकारी दूरभाष पर ले रहे थे. यह सिलसिला दोपहर 1.15 बजे तक चलता रहा. इक्का-दुक्का कार्यकर्ता आ रहे थे और हाल-चाल लेने के बाद चुपचाप निकल रहे थे. दोपहर 1.30 बजे बाबूलाल आधा दर्जन कार्यकर्ताओं के साथ धूप में आ कर बैठ गये और हार-जीत पर चर्चा करने लगे. उधर कुछ कार्यकर्ता चैनल बदल-बदल कर चुनाव परिणाम की जानकारी ले रहे थे. कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था. कार्यकर्ता दबी जुबान में आपस में बात कर रहे थे. इस बीच बाबूलाल का मोबाइल बजा. बाबूलाल ने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है. इसमें निराश होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने मन छोटा नहीं करने की बात कह कर फोन काट दिया. इसके बाद बाबूलाल फिर कार्यकर्ताओं से बातचीत करने लगते हैं.
जेवीएम कार्यालय में धीरे-धीरे छायी मायूसी
जेवीएम कार्यालय से लाइवराजेश झा/ संवाददाताझारखंड विकास मोरचा कार्यालय में सुबह नौ बजे चहल-पहल थी. पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी कार्यकर्ताओं के साथ टीवी पर चुनाव परिणाम का रुझान देख रहे थे. कार्यकर्ता अपना-अपना तर्क दे रहे थे. कोई कोलहान का तो कोई पूर्वी सिंहभूम की रिपोर्ट दे रहा था. 10 बजते-बजते कार्यकर्ताओं में काना-फूसी शुरू […]
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