पटना. मधुबनी पुलिस गोली कांड के न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में राजद और भाकपा पर गंुडागर्दी और सरकारी कार्यालयों में आगजनी में संलिप्त रहने का आरोप लगाया गया है, जिसमें दो लोगों की मौत और करीब एक दर्जन लोग घायल हो गये थे. मधुबनी पुलिस गोली कांड की न्यायिक जांच कर रहे आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत न्यायमूर्ति उदय सिन्हा द्वारा गत 30 सितंबर को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अंतिम प्रतिवेदन दिये जाने पर बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने गत नौ दिसंबर को उक्त जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई रिपोर्ट को मंजूरी प्रदान कर दी थी. आयोग की जांच पर कार्रवाई रिपोर्ट को सोमवार करो बिहार विधानसभा और विधान परिषद में जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पेश किया. रिपोर्ट में कहा गया है संतोष कुमार यादव, बादल गुप्ता, सुरेश कुमार सिंह, संजय पासवान सहित जो कि राजद से जुड़े अन्य लोगों ने मधुबनी में सरकारी कार्यालयों में आगजनी की. रामचंद्र पूर्वे (राजद के प्रदेश अध्यक्ष) का मधुबनी जेल जाकर संतोष कुमार यादव से मिलना राजद के साथ इसका संबंध होने की ओर इशारा करता हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भाकपा की मधुबनी इकाई ने दंगे को भड़काया और उसके जरिये राजनीतिक लाभ हासिल करने के उद्देश्य से मनोज मिश्र, राम नरेश पांडेय, हेमचंद्र झा आदि ने आग को भड़काया, जिससे हंगामा खड़ा हुआ और गुंडगर्दी हुई. रिपोर्ट में पुलिस फायरिंग को वैध ठहराया गया है और इस मामले कुल 16 प्राथमिकी दर्ज करायी गयी, जो जांच की विभिन्न स्थिति और आयोग के समक्ष विचाराधीन है.
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मधुबनी पुलिस गोली कांड की न्यायिक जांच रिपोर्ट में राजद और भाकपा पर आरोप
पटना. मधुबनी पुलिस गोली कांड के न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट में राजद और भाकपा पर गंुडागर्दी और सरकारी कार्यालयों में आगजनी में संलिप्त रहने का आरोप लगाया गया है, जिसमें दो लोगों की मौत और करीब एक दर्जन लोग घायल हो गये थे. मधुबनी पुलिस गोली कांड की न्यायिक जांच कर रहे आयोग के […]
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