रांची: राज्यपाल के सलाहकार मधुकर गुप्ता ने बिहार की तरह झारखंड के लिए भी विशेष सहायता की मांग की है. अपने दिल्ली दौरे के क्रम में उन्होंने योजना आयोग के समक्ष यह बात रखी थी. योजना आयोग के सदस्य डॉ के कस्तूरीरंगन व निदेशक निधि खरे से बातचीत में झारखंड को बिहार की तर्ज पर विशेष सहायता देने का अनुरोध भी किया था.
श्री गुप्ता के अनुसार देश भर में आधारभूत संरचना सूचकांक में झारखंड का स्थान 25वां है, ऐसे में राज्य को विशेष सहायता की जरूरत है. श्री गुप्ता ने इस संबंध में राज्य के विकास आयुक्त को 25 अप्रैल 2013 को पत्र भेजा है. उनसे इस संबंध में औपचारिक कार्रवाई का निर्देश दिया है.
कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता नहीं देने पर चिंता : सलाहकार श्री गुप्ता ने पत्र में लिखा है : योजना आयोग राज्य में कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता नहीं दिये जाने पर चिंतित है. खास कर सिंचाई व उत्पादकता की स्थिति, खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में डायवर्सिफिकेशन करने जैसी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है. बैठक में राज्य की गिरती स्वास्थ्य सेवाओं व शिक्षा के क्षेत्र में मानकों के अनुरूप खरा नहीं उतरने पर भी चिंता जतायी गयी. कहा गया कि मेडिकल कॉलेजों में सीटें नहीं बढ़ायी जा रही हैं.
जैव विविधता कानून व ग्रामीण स्तर पर वन संरक्षण योजना को लागू नहीं करने, राज्य में चल रही फ्लैगशिप योजनाओं में बेहतर प्रदर्शन नहीं होना भी पिछड़ेपन का मुख्य कारण रहा है.
प्रबंधकीय योजना पर भी चर्चा
बैठक में कहा गया था कि सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना को लेकर केंद्र अधिक सतर्कता बरत रहा है. राज्य में वनों के क्षरण, वानिकीकरण योजना में उठाये जा रहे कदम, ग्रीन इंडिया मिशन के तहत बनायी जा रही प्रबंधकीय योजना पर भी बैठक में चर्चा की गयी. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रदूषण के मानकों का पालन करने के लिए अंतर विभागीय टीम का गठन करने का सुझाव भी आयोग ने दिया है.
फरवरी में आयी थी योजना आयोग की टीम
सलाहकार श्री गुप्ता ने पत्र में हवाला दिया है कि फरवरी माह में योजना आयोग की टीम रांची आयी थी. इसमें कई परियोजनाओं को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चलाने पर विमर्श किया गया था. इसमें गति लाने के निर्देश दिये गये हैं.