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इंदिरा आवास योजना के संबंध में सीएजी की रिपोर्ट संसद में पेश

हजारों अयोग्य लाभार्थियों को मिली सहायता एजेंसियां, नयी दिल्लीनियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने पाया है कि हजारों अयोग्य लाभार्थियों को केंद्र की इंदिरा आवास योजना (आइएवाइ) के तहत आवास के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी गयी. सीएजी ने आवास की वास्तविक कमी का आकलन न करने को लेकर कई राज्य सरकारों की खिंचाई […]

हजारों अयोग्य लाभार्थियों को मिली सहायता एजेंसियां, नयी दिल्लीनियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने पाया है कि हजारों अयोग्य लाभार्थियों को केंद्र की इंदिरा आवास योजना (आइएवाइ) के तहत आवास के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता दी गयी. सीएजी ने आवास की वास्तविक कमी का आकलन न करने को लेकर कई राज्य सरकारों की खिंचाई भी की. राज्यों में इंदिरा आवास योजना की स्थिति पर सीएजी ने कहा है, ‘यह पाया गया है कि (अप्रैल, 2008 से मार्च, 2013 के बीच की अवधि में 27 राज्यों एवं चार केंद्रशासित प्रदेशों के 168 जिलों में) कई अयोग्य लाभार्थियों को चयनित किया गया.’ सीएजी ने कहा, ’12 राज्यों में 36,751 गैर-बीपीएल परिवारों को 89.15 करोड़ रुपये की सहायता दी गयी. 11 राज्यों में 10,184 अयोग्य लाभार्थियों को चयनित किया गया और उन्हें 31.73 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.’ संसद में शुक्रवार को पेश की गयी रिपोर्ट में कहा गया है कि सात राज्यों में 33,536 लाभार्थियों को इंदिरा आवास योजना की स्थायी प्रतिक्षा सूची से बाहर से चुना गया और उन्हें 138.02 करोड़ रुपये की सहायता दी गयी. आठ राज्यों में 5.37 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त करनेवाले 1,654 लाभार्थियों के पास पहले से पक्के मकान थे. आठ राज्यों में 5,824 लाभार्थियों को एक बार से ज्यादा चुना गया और उन्हें 14.67 करोड़ रुपये की सहायता का भुगतान किया गया. छह राज्यों में परिवार की महिला सदस्यों के नाम पर आवासीय इकाइयों के आवंटन को वरीयता नहीं दी गयी.यहां नहीं हुआ ठीक से आकलन आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर सहित 14 राज्यों में वास्तविक आवासीय कमी का आकलन नहीं किया गया.

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