– मुख्य हेडिंगइंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स के 56वें वार्षिक अधिवेशन में अर्थशास्त्रियों ने अनौपचारिक क्षेत्र (इनफॉरमल सेक्टर) में होने वाले काम और उनके मूल्यांकन के मुद्दे पर अपने विचार रखे. देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आये अर्थशास्त्र के विद्वानों ने अपने घरों में सेवा करनेवालों के काम का मूल्यांकन जरूरी बताया. इसे मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से जोड़ने की वकालत की. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के लार्ड मेघनाद देसाई, सेंटर फॉर डेवलपमेंट अल्टरनेटिव की निदेशक इंदिरा हीरवे, डीसेंट वर्क टीम फॉर साउथ एशिया के सीनियर इम्प्लायमेंट स्पेशलिस्ट शेर वेरिक, इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स के प्रो विश्वजीत चटर्जी ने इस विषय पर व्याख्यान दिया. अर्थशास्त्रियों ने अनौपचारिक क्षेत्रों में किये जाने वाले कार्यों को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ कर अपने घरों में काम करनेवालों को राहत देने और उनके काम के दबाव को कम करने पर बल दिया. अपने घरों में काम करनेवालों के लिए छुट्टी, मनोरंजन और भुगतान पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत बतायी.
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जरूरी है अपने घरों में सेवा करने वालों के काम का मूल्यांकन (इंट्रो)
– मुख्य हेडिंगइंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनॉमिक्स के 56वें वार्षिक अधिवेशन में अर्थशास्त्रियों ने अनौपचारिक क्षेत्र (इनफॉरमल सेक्टर) में होने वाले काम और उनके मूल्यांकन के मुद्दे पर अपने विचार रखे. देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आये अर्थशास्त्र के विद्वानों ने अपने घरों में सेवा करनेवालों के काम का मूल्यांकन जरूरी बताया. इसे मुख्यधारा की […]
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