चेन्नई. चेन्नई के अपोलो अस्पताल ने मंगलवार को बताया कि उसने तंजानिया के रहने वाले जुड़वा बच्चों को सर्जरी के जरिये अलग करने में कामयाबी हासिल की है. अस्पताल ने 11 घंटे चली इस सर्जरी में 50 पेशेवर विशेषज्ञों की मदद ली. पीडियाट्रिक यूरोलॉजिस्ट और समूची सर्जिकल प्रक्रिया के टीम लीडर डॉ वेंकट श्रीपति ने कहा कि एब्रियाना और एड्रियाना छाती के निचले हिस्से और पेट से एक-दूसरे से जुड़े हुए थे. यह मेडिकल अवस्था ‘थोरैको ओम्फैलोपेगस’ कहलाती है. उन्हें व्यापक योजना के तहत की गयी सर्जरी के जरिये अलग किया गया और इसमें कई विभागों ने हिस्सा लिया. उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, सर्जरी में साढ़े सात घंटे का वक्त लगा और प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञों द्वारा प्रक्रिया संपन्न करने में और ढाई घंटे लगे. श्रीपति ने कहा कि इस तरह जुड़े होने के मामले 50,000 में एक से लेकर एक लाख में एक होते हैं. बहरहाल, इनमें 35 फीसदी बच्चे जन्म के बाद जीवित नहीं रह पाते. इस साल अगस्त में भर्ती कराये जाने के बाद एब्रियाना और एड्रियाना को अलग करने के लिए 11 नवंबर 2014 को सर्जरी की गयी. उनके माता-पिता का नाम जिमी एमटेमी और कैरोलिन जकारिया है.
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11 घंटे की सर्जरी के बाद अलग हुए तंजानिया के जुड़वा बच्चे
चेन्नई. चेन्नई के अपोलो अस्पताल ने मंगलवार को बताया कि उसने तंजानिया के रहने वाले जुड़वा बच्चों को सर्जरी के जरिये अलग करने में कामयाबी हासिल की है. अस्पताल ने 11 घंटे चली इस सर्जरी में 50 पेशेवर विशेषज्ञों की मदद ली. पीडियाट्रिक यूरोलॉजिस्ट और समूची सर्जिकल प्रक्रिया के टीम लीडर डॉ वेंकट श्रीपति ने […]
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