रांची: कांग्रेस ने झामुमो के साथ गंठबंधन की गुत्थी सुलझा ली है. सरकार बनाने की शर्त पर गंठबंधन कर कांग्रेस ने झामुमो को चार सीटों पर संतुष्ट कर दिया है. पूरे प्रकरण में कांग्रेस ने दूर की कौड़ी चली है. सरकार गठन में तरीके से रास्ता निकाला है. झामुमो के अपने 13 विधायकों का समर्थन दिया है. कांग्रेस ने कहा है कि अगर सरकार बनी, तो कांग्रेस समर्थन करेगी.
इससे बढ़ कर एक शर्त और रखी है कि एक सप्ताह में को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनेगी. अब कांग्रेस ने सरकार से अपना पत्ता खोल दिया है. झामुमो को बाकी विधायकों का समर्थन जुटाना होगा. झामुमो के 18 विधायक एकजुट रहे, तो हेमंत के पास 31 का आकंड़ा होगा. इसके बाद बहुमत के लिए 12 विधायकों का समर्थन जुटाने में झामुमो के पसीने छूटेंगे.
इधर गंठबंधन में राजद को बाहर कर कांग्रेस ने भावी संकेत दिये हैं. झारखंड में राजद से नजदीकी बना कर कांग्रेसी बिहार में नीतीश कुमार से दूरी नहीं बनाना चाहते थे. झारखंड में सरकार गठन के प्रकरण में कांग्रेस और राजद की नजदीकी बढ़ रही थी. उधर जदयू ने साफ कर दिया था कि राजद के साथ तालमेल हुआ,तो उसमें जदयू शामिल नहीं हो सकता है. जदयू का संकेत कांग्रेस के लिए काफी था. इसके बाद गंठबंधन में राजद को दूर रखा गया.
एक्सपोज नहीं होगी कांग्रेस, पीछे रहेंगे
रांची : सरकार गठन में कांग्रेस आगे-आगे नहीं बढ़ना चाहती. कांग्रेस पूरे प्रकरण में एक्सपोज नहीं होना चाहती है. इसी रणनीति के तहत कांग्रेस ने झामुमो नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं करायी.