रांची: रांची प्रमंडल के डीआइजी प्रवीण सिंह ने सोमवार को रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा व लोहरदगा एसपी के साथ बैठक की. बैठक में डीआइजी ने खूंटी एसपी को पीएलएफआइ के खिलाफ अभियान शुरू करने का निर्देश दिया.
जुलाई माह में अभियान के कारण पीएलएफआइ के सरगना दिनेश गोप समेत ज्यादातर उग्रवादी खूंटी छोड़ कर भाग गये थे, लेकिन अब उनकी गतिविधि फिर से शुरू हो गयी है. डीआइजी ने लोहरदगा में दो दिन पहले माओवादियों द्वारा ट्रकों को जलाये जाने की घटना की समीक्षा की.
डीआइजी ने गुमला और लोहरदगा एसपी को भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान शुरू करने का निर्देश दिया. डीआइजी ने जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि तीन साल से अधिक समय से लंबित मामलों को शीघ्र निपटाये. उन्होंने कहा: सभी जिलों के एसपी एक सप्ताह के भीतर समीक्षा कर यह रिपोर्ट दें कि तीन साल से अधिक समय से मामले क्यों लंबित हैं. समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि चुटिया थाना में पदस्थापित रहे दारोगा बुद्धदेव खड़िया के पास 10 मामले हैं. तबादला होने के बाद वह चाईबासा चले गये, लेकिन जिन मामलों का वह अनुसंधान कर रहे थे, उसका चार्ज किसी को नहीं दिया. डीआइजी ने दारोगा को निलंबित करने का आदेश एसएसपी को दिया है.