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नक्सलियों के मुख्य ठिकाने के पास पहुंची

रांची: लातेहार के कुमंडीह में पुलिस ऑपरेशन जाल-चार गुरुवार देर रात तक जारी रहा. अभियान में लगे जवान लगातार नक्सलियों के मुख्य ठिकाने की तरफ बढ़ रहे हैं. वहीं पुलिस को रोकने के लिए नक्सलियों द्वारा लगातार लैंड माइन विस्फोट किया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि नक्सलियों के पास भागने के […]

रांची: लातेहार के कुमंडीह में पुलिस ऑपरेशन जाल-चार गुरुवार देर रात तक जारी रहा. अभियान में लगे जवान लगातार नक्सलियों के मुख्य ठिकाने की तरफ बढ़ रहे हैं. वहीं पुलिस को रोकने के लिए नक्सलियों द्वारा लगातार लैंड माइन विस्फोट किया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि नक्सलियों के पास भागने के मौके कम होते जा रहे हैं. उम्मीद है कि जल्द ही नक्सलियों के मुख्य कैंप पर पुलिस का कब्जा होगा.

पीएलजीए को पीएलए में बदला
भाकपा माओवादी संगठन ने अपने लड़कू दस्ता पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) को समाप्त कर दिया है. अब पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) बनाया है. दोनों के काम करने में फर्क है, जो पुलिस को परेशान करनेवाला है. जानकारी के मुताबिक, पीएलजीए का दस्ता अलग-अलग घूमता था. एक दस्ते में 30-40 हथियारबंद नक्सली होते थे. दस्ता के काम करने का तरीका यह था कि छोटे-छोटे समूहों में घूमो और जहां पुलिस कमजोर मिले, हमला कर नुकसान पहुंचाओ. जहां पुलिस मजबूत रहे, वहां से भाग जाओ. हाल में पुलिस के जवान ज्यादा संख्या में निकलने लगे. जिस कारण पीएलजीए के दस्ते हमला नहीं कर पा रहे थे. इस कारण संगठन ने फैसला लिया कि पीएलजीए की जगह पीएलए बनाया जाये.

कुमंडीह में पीएलए की बटालियन
पीएलए में एक बटालियन साथ रहती है. एक बटालियन में 350-400 हथियारबंद नक्सली होते हैं. नक्सलियों की संख्या ज्यादा रहने से पुलिस के जवानों का मुकाबला आसान होता है. कुमंडीह जंगल में पीएलए का ही बटालियन घिरा हुआ है.

बटालियन का नेतृत्व सेंट्रल कमेटी सदस्य अरविंद कर रहा है. यह बटालियन पहले बिहार में था. फिर कटिया आया. इसके बाद गुमला व गारु में पहुंचा. इन जगहों पर पुलिस ने रोकने व खत्म करने की कोशिश की. बटालियन सुरक्षित स्थान की खोज में कुमंडीह पहाड़ी पर आ गयी. यहां पर नक्सलियों ने मजबूत पकड़ बना ली है. इस कारण अब वह इस पहाड़ी को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

नक्सलियों की सप्लाइ लाइन काटी : गुरुवार को अभियान के 10वें दिन पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन अभी जारी रहेगा. डीजीपी राजीव कुमार, एडीजी स्पेशल ब्रांच रेजी डुंगडुंग और सीआरपीएफ के आइजी एमवी राव हर दिन ऑपरेशन की समीक्षा कर रहे हैं. आइजी एमवी राव ने बताया कि कुमंडीह स्टेशन व पहाड़ी के आसपास के इलाके में पुलिस बल तैनात है. नक्सलियों तक राशन-पानी नहीं पहुंच रहा है.

दिसंबर से जमे हैं नक्सली : बुधवार को पुलिस को बड़ी सफलता मिली थी. जवान पहाड़ी के ऊपर बने नक्सली कैंप से पहले बने गार्ड कैंप ध्वस्त करने में कामयाब रहे थे. जानकारी के मुताबिक नक्सलियों का दस्ता पिछले दिसंबर माह से कुमंडीह पहाड़ी पर है. वहां ट्रेनिंग कैंप चल रहा था. पुलिस अभियान शुरू होने के बाद ट्रेनिंग का काम रुक गया है.

पहाड़ियों पर चढ़ना कठिन
ऊंची पहाड़ियों की जिस श्रृंखला पर नक्सली जमे हुए हैं, वह करीब 18 किमी लंबी और 13 किमी चौड़ी है. नीचे चारो ओर दो दर्जन छोटे-बड़े गांव हैं. इनमें लुंडी, कोदाग, जेर, बड़काडीह, कुमंडीह, कुकू, कुरुमकेला गांव शामिल हैं. किसी भी तरफ से पहाड़ी की ऊंचाई समुद्र तल से 600 से 800 मीटर है.

ऑपरेशन जाल-चार, 10वां दिन

कुमंडीह स्टेशन को पुलिस ने कब्जे में किया. यहां से नक्सलियों तक भोजन सामग्री पहुंचायी जाती थी. रसद की आपूर्ति बंद हो गयी है. पहाड़ी के आसपास के गांवों में पुलिस की तैनाती. नक्सली नीचे नहीं आ पा रहे हैं. पहाड़ी के चारो तरफ के रास्तों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की गयी है. पुलिस का दावा है कि हथियार से लैस नक्सली का निकल भागना मुश्किल.

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