रांची: विधानसभा में नियुक्ति सहित अन्य घोटालों की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग को अब तक दस्तावेज नहीं मिले हैं. इससे अब तीन माह की निर्धारित समय सीमा के अंदर जांच पूरी होने की संभावना नहीं है.
राज्यपाल के आदेश के आलोक में विधानसभा की नियुक्ति, प्रोन्नति सहित अन्य प्रकार की गड़बड़ी की जांच के लिए 10 मई को एक सदस्यीय न्यायिक आयोग के गठन का आदेश जारी किया गया था. आदेश में कहा गया था कि आयोग को तीन माह के अंदर सभी मामलों की जांच के बाद राज्यपाल को अपनी रिपोर्ट देनी है.
सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकनाथ प्रसाद की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय न्यायिक आयोग के लिए जांच के कुल 30 बिंदु निर्धारित किये थे. साथ ही आयोग को संबंधित गड़बड़ी के सिलसिले में दोषी अधिकारियों को चिह्न्ति करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. सरकार ने आयोग के कामकाज के लिए विधानसभा को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. सरकार के निर्देश पर विधानसभा ने आयोग को दफ्तर और कर्मचारी उपलब्ध करा दिये हैं. हालांकि अब तक जांच के बिंदु से जुड़े आवश्यक दस्तावेज नहीं उपलब्ध कराया है. इसके आयोग द्वारा निर्धारित समय सीमा में जांच पूरी होने की कोई संभावना नहीं है.