रांची: रांची पुलिस अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर रही है. न तो अपराधियों के खिलाफ डोजियर खोलने का काम किया जा रहा है और न ही अपराधियों के खिलाफ क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) के तहत कार्रवाई हो रही है. रांची प्रमंडल के डीआइजी ने तीन माह पहले रांची पुलिस को करीब 500 अपराधियों की सूची उपलब्ध करायी थी. सूची में ऐसे अपराधी शामिल हैं, जो पिछले तीन साल के भीतर जेल से छूट कर बाहर आये हैं.
इन अपराधियों के खिलाफ डोजियर खोलने का निर्देश दिया गया था. रांची पुलिस ने इस सूची में से सिर्फ 50-55 अपराधियों के खिलाफ ही डोजियर खोली है.
जिन अपराधियों के खिलाफ डोजियर खोली जाती है, पुलिस उन अपराधियों की मॉनिटरिंग करती है. डोजियर नहीं खुलने के कारण अपराधी की मॉनिटरिंग का काम बंद हो जाता है. क्योंकि अपराधी दूसरे थाना क्षेत्र में चले जाते हैं. इसी तरह राजू गोप, गेंदा सिंह, कन्हैया सिंह, सोनू उर्फ इमरोज, मोनू, नरेश सिंह बुतरू, राजू देहाती जैसे अपराधियों के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया गया था. लेकिन इन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी.
तीन की हत्या की, दो पर गोली चलायी, पर गिरफ्तारी नहीं
तुपुदाना थाना क्षेत्र में अपराधी राजू गोप ने 11 दिसंबर की रात सात बजे महेश साहू पर फायरिंग की. जिसमें वह बाल-बाल बच गये. अपराधी राजू गोप को गिरफ्तार करने के लिए सीनियर अफसरों ने कई बार थानेदारों को निर्देश दिया, लेकिन उसके खिलाफ अभियान नहीं चलाया गया. यही कारण है कि लगातार हत्या करने के बाद भी वह पुलिस की पकड़ा में नहीं आया है. पिछले एक साल के भीतर उसने कई वारदातों को अंजाम दिया, पर पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी. साल के शुरुआत में उसने टाटी सिलवे थाना क्षेत्र में शिबू पासवान की हत्या कर दी थी. हत्या के इस मामले में पुलिस उसे गिरफ्तार करती, उससे पहले ही अप्रैल माह में उसने धुर्वा थाना क्षेत्र में राजू कच्छप की हत्या कर दी. धुर्वा पुलिस उसकी तालाश में लगी हुई थी, तब तक उसने तुपुदाना ओपी क्षेत्र में अशोक लाल शाहदेव की गोली मार कर हत्या कर दी. इस घटना के बाद वह दो महीने तक शांत रहा. फिर 10 अगस्त को अरगोड़ा चौक पर पूर्व पार्षद मांगा पाहन की हत्या में उसका नाम सामने आया. महेश साहू पर उसने एक माह पहले भी गोली चलायी थी.