नयी दिल्ली. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 2002 में राजग शासन के दौरान अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के आबंटन से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में विशेष सुनवायी अदालत द्वारा भारती सेल्यूलर लि के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुनील भारती मित्तल और एस्सार समूह के प्रवर्तक रवि रुईया को तलब करने के फैसले का बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बचाव किया. सीबीआइ ने इस मामले में दायर आरोप पत्र में इन दोनों को आरोपी नहीं बनाया गया था. प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सीबीआइ के वकील ने कहा कि वे ही कंपनी को नियंत्रित कर रहे थे और यह साक्ष्य है. उन्हें समन किया गया है और अब वे विशेष अदालत से आरोप मुक्त करने का अनुरोध कर सकते हैं. न्यायालय विशेष अदालत के पिछले साल 19 मार्च के आदेश के खिलाफ रुईया और मित्तल की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. इन दोनों ने विशेष न्यायाधीश का आदेश निरस्त करने का अनुरोध किया है. विशेष अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त सामग्री है.
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स्पेक्ट्रम मामला : अदालत द्वारा मित्तल, रुईया को तलब करना सही
नयी दिल्ली. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 2002 में राजग शासन के दौरान अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के आबंटन से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में विशेष सुनवायी अदालत द्वारा भारती सेल्यूलर लि के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुनील भारती मित्तल और एस्सार समूह के प्रवर्तक रवि रुईया को तलब करने के फैसले का बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में […]
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