13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

असम-नगालैंड का 50 साल पुराना सीमा विवाद

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा आप मूक दर्शक बने नहीं रह सकते एजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने असम-नगालैंड के 50 साल पुराने सीमा विवाद पर बुधवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह इस मामले में ‘मूक दर्शक’ बना नहीं रह सकती. न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षतावाली पीठ ने […]

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा आप मूक दर्शक बने नहीं रह सकते एजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने असम-नगालैंड के 50 साल पुराने सीमा विवाद पर बुधवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह इस मामले में ‘मूक दर्शक’ बना नहीं रह सकती. न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षतावाली पीठ ने कहा, ‘आपको (केंद्र) कार्यवाही करके इसे हल करना होगा. आपने हमारे पहले के आदेश के अनुरूप कुछ भी नहीं किया है. आप सीमा विवाद पर मूक दर्शक बने नहीं रह सकते हैं.’ न्यायाधीशों ने कहा, ‘इसमें दो ही मसले हैं. पहला तो यह कि सीमा क्या है? दूसरा यह कि सीमा क्या होनी चाहिए? हम पहले मसले का फैसला कर सकते हैं. दूसरे का फैसला विशेषज्ञ कर सकते हैं. सीमा में बदलाव राजनीतिक मसला है.’ न्यायालय संविधान के प्रावधानों के तहत करीब 26 साल पहले असम द्वारा दायर मूल वाद की सुनवाई कर रहा था. इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने न्यायालय को सूचित किया कि गृह मंत्री ने इस विवाद के समाधान के लिए हाल ही में असम और नगालैंड के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. असम और नगालैंड 434 किलोमीटर सीमा साझा करते हैं और यह विवाद 1963 से चल रहा है, जब असम के नगा हिल्स जिले से नगालैंड का सृजन किया गया था. नगालैंड कुछ ऐसे हिस्से की मांग कर रहा है, जिसके बारे में उसका मत है कि यह ऐतिहासिक दृष्टि से उसका है और वह चाहता है कि समस्त कथित नगा क्षेत्र को बहाल किया जाये. दूसरी ओर, असम सरकार चाहती है कि एक दिसंबर, 1963 की स्थिति के अनुसार सीमा बरकरार रखी जाये जब नगालैंड का सृजन हुआ था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें