हाल आइटीआइ काप्रमुख संवाददाता, रांची राज्य भर के आइटीआइ में स्टेनोग्राफी की पढ़ाई बंद हो गयी है. इस साल भी इस ट्रेड में दाखिला नहीं लिया गया. ऐसा स्टेनोग्राफी के अनुदेशक (इंस्ट्रक्टर) नहीं होने की वजह से हुआ है. रांची के महिला आइटीआइ में हिंदी स्टेनोग्राफी के लिए एक महिला अनुदेशक थीं, उन्हें भी प्राचार्य बना कर बाहर भेज दिया गया है. अब पूरे राज्य में न तो हिंदी और न ही इंगलिश के अनुदेशक हैं. जानकारी के मुताबिक लंबे अरसे से आइटीआइ में स्टेनोग्राफर बनने के लिए शॉर्ट हैंड, टाइपिंग की ट्रेनिंग दी जा रही थी. यहां से प्रशिक्षित विद्यार्थियों को कई जगहों पर नौकरी भी मिल रही थी, लेकिन सरकारी सिस्टम की वजह से अब यहां से एक भी स्टेनोग्राफर नहीं निकल सकेंगे, क्योंकि उनके नामांकन पर ही रोक लगा दी गयी है. अब उन्हें आइटीआइ को छोड़ दूसरे निजी संस्थानों से ट्रेनिंग लेनी होगी. अनुदेशकों की बहाली नहीं ली गयीसरकार स्टेनोग्राफी ट्रेड के लिए अनुदेशकों की बहाली नहीं कर सकी. सरकार को जैसे अनुदेशक चाहिए थे, वैसे नहीं मिल रहे हैं. यानी क्वालिटी के अनुदेशक मिल ही नहीं रहे. सरकार ने अनुदेशक के लिए विज्ञापन भी निकाला था. पर इस पद के लिए तय अर्हता पर कोई भी उम्मीदवार खरा नहीं उतर सका. सरकार को स्टेनोग्राफी के लिए 120 स्पीड वाले अनुदेशक चाहिए थे, पर इतना ज्यादा स्पीड वाले अनुदेशक मिले ही नहीं. आइटीआइ में कम पैसे में मिलती थी ट्रेनिंग झारखंड के आइटीआइ से स्टेनोग्राफी की ट्रेनिंग की अलग मान्यता थी. अन्य संस्थानों की तुलना में आइटीआइ से इसकी ट्रेनिंग करना बेहतर माना जाता था. यहां से काफी कम पैसे में ही विद्यार्थियों को बेहतर ट्रेनिंग मिल जाती थी.
झारखंड में स्टेनोग्राफी की पढ़ाई बंद
हाल आइटीआइ काप्रमुख संवाददाता, रांची राज्य भर के आइटीआइ में स्टेनोग्राफी की पढ़ाई बंद हो गयी है. इस साल भी इस ट्रेड में दाखिला नहीं लिया गया. ऐसा स्टेनोग्राफी के अनुदेशक (इंस्ट्रक्टर) नहीं होने की वजह से हुआ है. रांची के महिला आइटीआइ में हिंदी स्टेनोग्राफी के लिए एक महिला अनुदेशक थीं, उन्हें भी प्राचार्य […]
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