राजनीति को स्वच्छ करने की पहल (फ्लैग)निर्वाचित प्रतिनिधियों के विरुद्ध मामलों की करेगी सुनवाई-100 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान-सभी जनप्रतिनिधियों को दायरे में लाने का प्रयासएजेंसियां, नयी दिल्लीराजनीति को अपराध मुक्त करने की पहल के तहत संसद में निर्वाचित प्रतिनिधियों के विरुद्ध आपराधिक मामलों पर विचार के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें बनाने संबंधी एक निजी विधेयक लोकसभा में पेश किया गया है. इसमें प्रावधान है कि ये अदालतें दैनिक आधार पर मुकदमे की सुनवाई करेगी और तीन महीने के भीतर सुनवाई को पूरा कर लेंगी. ऐसा नहीं होता है, तो कोर्ट को उसके कारणों को स्पष्ट करेगी और फिर आगे कार्रवाई को पूरी करेगी. बीजद सांसद बैजयंत पांडा ने यह गैर-सरकारी विधेयक पेश किया है.इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट किसी विशेष मामले को एक त्वरित निपटान अदालत से दूसरे त्वरित निपटान अदालत में भेजने का आदेश दे सकता है. कोर्ट साक्षी की पहचान और पता गुप्त रखेगी. सभी सांसद, राज्य विधानमंडल के सदस्य (एमएलए और एमएलसी) तथा पंचायती राज विधानों एवं नगरपालिका के सदस्यों को इसके दायरे में लाने का प्रयास होगा. प्रस्तावित विधेयक में कहा गया है कि इस पर 100 करोड रुपये खर्च होने का अनुमान है.राजनीति में अपराधीकरण-76 सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे 2009 में-112 सांसदों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं 16वीं लोकसभा के चुने गये सदस्यों परस्रोत : एडीआर
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फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के लिए विधेयक
राजनीति को स्वच्छ करने की पहल (फ्लैग)निर्वाचित प्रतिनिधियों के विरुद्ध मामलों की करेगी सुनवाई-100 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान-सभी जनप्रतिनिधियों को दायरे में लाने का प्रयासएजेंसियां, नयी दिल्लीराजनीति को अपराध मुक्त करने की पहल के तहत संसद में निर्वाचित प्रतिनिधियों के विरुद्ध आपराधिक मामलों पर विचार के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें बनाने संबंधी एक निजी […]
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