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बेटी की शादी का खर्च उठाना होगा तलाकशुदा पिता को

एजेंसियां, नयी दिल्लीबेटी की शादी का खर्च उठाना पिता की जिम्मेदारी बनती है, दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसा मानते हुए एक पिता को आदेश दिया है कि वह बेटी की शादी के लिए अलग रही अपनी पत्नी को 37 लाख रु पये दे. महिला की ओर से की गयी अपील पर अंतरिम आदेश सुनाते हुए […]

एजेंसियां, नयी दिल्लीबेटी की शादी का खर्च उठाना पिता की जिम्मेदारी बनती है, दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसा मानते हुए एक पिता को आदेश दिया है कि वह बेटी की शादी के लिए अलग रही अपनी पत्नी को 37 लाख रु पये दे. महिला की ओर से की गयी अपील पर अंतरिम आदेश सुनाते हुए जस्टिस जीपी मित्तल ने कहा, यदि एक शख्स दिल्ली के पॉश सैनिक फार्म्स में बंगला, मनाली में रिजॉर्ट और कई अन्य मूल्यवान संपत्तियों का मालिक हो तो वह अपनी बेटी की शादी पर अच्छा पैसा खर्च सकता है.यह है मामलादरअसल, शख्स की पत्नी और 25 वर्षीय बेटी ने हाई कोर्ट में अपील की थी कि उन्हें शादी के लिए पिता की ओर से आर्थिक मदद दी जाये. महिला के वकील प्रभाजीत जौहर के मुताबिक, महिला ने कोर्ट को बताया कि 1982 में शादी के बाद ही उसे अपना ससुराल छोड़कर पति से अलग रहना पड़ा क्योंकि उसके साथ वहां बुरा बरताव किया जा रहा था. दंपती के बेटे और एक बेटी ने भी पिता के खिलाफ केस किया था, क्योंकि उनके साथ भी घर में अच्छा व्यवहार नहीं किया जा रहा था. शख्स की पत्नी ने कोर्ट में अपील की थी कि उसका पति बेटी की शादी के लिए 66 करोड़ दे. इसी केस में हाई कोर्ट में महिला के पति को यह आदेश दिया है. वहीं, पिता बेटी की शादी के लिए पांच लाख रु पये और कैटरिंग आदि का खर्च उठाने के लिए तैयार थे.मांग के बिना दी गयी चीजें दहेज नहींकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि शादी के समय बेटी को उपहार देना दहेज की श्रेणी में नहीं आता जब तक कि वह स्वेच्छा से दिया जा रहा हो. केस में महिला के पति के वकील ने यह भी दलील दी थी कि लाखों रु पये खर्च कर बेटी को उपहार देना दहेज माना जा सकता है.

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