फोटो 1 – भारत सरकार द्वारा भेजा गया पत्र की प्रति-राजेंद्र सिंह और ददई दुबे के साथ जुडे़ लोग असमंजस मेंडकरा. कानपुर कार्यालय से यूनियन चलानेवाले केके तिवारी के यूनियन को भारत सरकार ने इंटक मान लिया है. भारत सरकार के श्रम नियोजन राज्य मंत्री बंगारू दत्तात्रेय के निर्देश पर मंत्रालय के सचिव जीए रघुवंशी ने 19 नवंबर को देश में कार्यरत सभी बारह महासंघों के महासचिव की बैठक बुलायी थी, जिसमें अमरापुर स्टेट कानपुर कार्यालय से यूनियन चलाने वाले केके तिवारी को भी आमंत्रित किया गया था. केके तिवारी के बैठक में शामिल होने का सारा खर्च भारत सरकार द्वारा उठाया गया था. जीए रघंुवशी द्वारा केके तिवारी के कार्यालय को भेजे गये पत्र की प्रतिलिपि प्रभात खबर को मिली है. यह पत्र देश के सभी सेंट्रल ट्रेड़ यूनियन कार्यालय को भेजा गया है. मालूम हो कि पिछले आठ साल से विश्रामपुर के निवर्तमान विधायक ददई दुबे और बेरमो के निवर्तमान विधायक राजेंद्र सिंह अपने-अपने संगठन को असली इंटक बताते रहे हैं. दोनांे के बीच चल रहे विवाद के साथ-साथ केके तिवारी के यूनियन की मान्यता का मामला भी कोर्ट में चल रहा है.ऐसे में इस निर्णय से राजेंद्र सिंह और ददई दुबे के यूनियन की राजनीति करने वालेे लोग असमंजस की स्थिति में हैं.
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केके तिवारी के यूनियन को भारत सरकार ने इंटक माना…..ओके
फोटो 1 – भारत सरकार द्वारा भेजा गया पत्र की प्रति-राजेंद्र सिंह और ददई दुबे के साथ जुडे़ लोग असमंजस मेंडकरा. कानपुर कार्यालय से यूनियन चलानेवाले केके तिवारी के यूनियन को भारत सरकार ने इंटक मान लिया है. भारत सरकार के श्रम नियोजन राज्य मंत्री बंगारू दत्तात्रेय के निर्देश पर मंत्रालय के सचिव जीए रघुवंशी […]
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