एजेंसियां, काबुलअफगानिस्तान में महिला अधिकारों के लिए मुहिम चलाने वाली शुक्रिया बराकजई की करीब एक सप्ताह पहले आत्मघाती हमले में हत्या की कोशिश हुई थी, पर इसके बावजूद उनका हौसला नहीं टूटा है.पिछले रविवार को संसद के निकट मुख्य सड़क पर उनकी कार एक आत्मघाती हमले की चपेट में आ गयी थी. संसद की 41 वर्षीय सदस्य बराकजई बच गयीं लेकिन उनकी कार को नुकसान पहुंचा था. विस्फोट में तीन नागरिक मारे गये थे. बराकजई का दायां हाथ जख्मी हो गया और वह उपचार करा रहीं हैं.’जल्द ही काम पर लौटूंगी’काबुल में एक अस्पताल में उन्होंने कहा, मैं नहीं चाहती कि अफगानिस्तान की महिलाएं खौफ की शिकार हों. उन्होंने कहा, मैं ठीक होने का इंतजार कर रही हूं और मैं जल्द ही काम पर लौटूंगी और इस बार पहले से ज्यादा मेहनत करूंगी. यह केवल मुझ पर नहीं बल्कि अफगानिस्तान की सभी महिलाओं पर हमला था.अफगान महिलाओं की सबसे बुलंद आवाजबराकजई अफगानिस्तान में महिला अधिकार के लिए काम करने वाली सबसे बुलंद आवाज हैं. इस वजह से कई कट्टरपंथी मुसलिम उनसे खार खाये हुए हैं और आये दिन तालिबान चरमपंथियों सहित इसलामी गुटों की ओर से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलती हैं. उन्होंने कहा, मुझे कई बार धमकी मिली है लेकिन इस बार वे करीब-करीब सफल रहे. क्या मैं उनके लिए खतरा हूं? मैं तो अफगानिस्तान में केवल महिला अधिकारों के लिए काम कर रही हूं.
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आत्मघाती हमला भी नहीं तोड़ पाया अफगान महिला सांसद का हौसला
एजेंसियां, काबुलअफगानिस्तान में महिला अधिकारों के लिए मुहिम चलाने वाली शुक्रिया बराकजई की करीब एक सप्ताह पहले आत्मघाती हमले में हत्या की कोशिश हुई थी, पर इसके बावजूद उनका हौसला नहीं टूटा है.पिछले रविवार को संसद के निकट मुख्य सड़क पर उनकी कार एक आत्मघाती हमले की चपेट में आ गयी थी. संसद की 41 […]
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