रांची: रांची नगर निगम से नक्शा पास कराने के लिए अब बाबुओं के पास दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी. नक्शे का निबटारा अब एक सप्ताह में किया जा सकेगा. नगर निगम ऐसा सॉफ्टवेयर खरीदने जा रहा है, जिसकी मदद से मिनटों में यह पता चल जायेगा कि जमा किया गया नक्शा पास होने योग्य है या नहीं. सीइओ दीपंकर पंडा ने सॉफ्टवेयर की खरीदारी के लिए नगर निवेशन शाखा को अविलंब टेंडर निकालने का आदेश दिया है.
अभी यह है प्रक्रिया
आवेदक अपने भवन का नक्शा नगर निगम में जमा करते हैं. एक माह बाद कनीय अभियंता प्रस्तावित स्थल की जांच करते हैं. जेइ-एइ, टाउन प्लानर की टेबुल से होते हुए यह नक्शा डिप्टी सीइओ व सीइओ के पास जाता है. लंबी प्रक्रिया होने के कारण नक्शे को छह माह से लेकर एक साल तक लग जाते हैं. कई नक्शे दो-दो साल तक धूल फांकते रहते हैं.
ऐसे काम करेगा सॉफ्टवेयर
यह सॉफ्टवेयर ऑटो डीसीआर सिस्टम से काम करेगा. इसके तहत आवेदक अपना नक्शा सॉफ्ट कॉपी में निगम में जमा करेगा.
इसके बाद कंप्यूटर में लगा सॉफ्टवेयर नक्शे की जांच कर मिनटों में यह बता देगा कि यह नक्शा पास होने योग्य है या नहीं. यह सॉफ्टवेयर भवनों के क्षेत्रफल के हिसाब से यह भी बतायेगा कि प्रस्तावित नक्शे में कितना फ्रंट सेट बैक व साइड सेट बैक छोड़ा जाना चाहिए.
पहले भी निकला था टेंडर
रांची नगर निगम के अधिकारियों ने यह सॉफ्टवेयर खरीदने के लिए तीन साल पहले भी टेंडर निकाला था. टेंडर में पुणो की सॉफ्टटेक कंपनी एल वन घोषित की गयी थी, पर सरकारी अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण सॉफ्टवेयर खरीदा नहीं जा सका. इससे यह योजना अधर में लटक गयी थी.