जिनेवा/नयी दिल्ली. यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया व पाकिस्तान सहित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कुछ सदस्यांे ने भारत द्वारा चीनी के निर्यात पर दी जा रही सब्सिडी को लेकर सवाल उठाये हैं. थाइलैंड, न्यूजीलैंड व कोलंबिया ने भी कृषि को लेकर डब्ल्यूटीओ की प्रतिबद्धता पर चिंता जतायी है. डब्ल्यूटीओ ने कहा कि भारत से उसके चीनी के लिए निर्यात सब्सिडी योजना के बारे मंे पूछा गया. ऑस्ट्रेलिया, थाइलैंड, यूरोपीय संघ, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड तथा कोलंबिया सभी ने कहा है कि इसे लेकर वे चिंतित हैं, जबकि बाली मंे सभी सदस्यांे ने इनमंे कमी करने और अंतत: इन्हें समाप्त करने की सहमति दी थी. उसने कहा कि भारत ने इस बारे मंे पूर्व की बैठकांे की तरह ही स्पष्टीकरण दिया है. डब्ल्यूटीओ ने बताया कि भारत ने कहा है कि अभी तक उत्पादकांे को किसी तरह का प्रोत्साहन नहीं दिया गया है. इससे पहले जुलाई मंे भी कुछ सदस्यांे ने इसी तरह के सवाल उठाये थे. भारत ने इस साल फरवरी मंे नकदी संकट से जूझ रहे चीनी उद्योग को किसानांे का गन्ने का बकाया चुकाने मंंे मदद करने के लिए 40 लाख टन कच्ची चीनी के निर्यात पर सब्सिडी की घोषणा की थी. मूल रूप से फरवरी-मार्च के लिए सब्सिडी 3,300 रुपये प्रति टन तय की गयी थी. केंद्र ने प्रत्येक दो माह मंे इसकी समीक्षा करने का फैसला किया था.
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निर्यात सब्सिडी को लेकर डब्ल्यूटीओ में भारत पर उठी उंगली
जिनेवा/नयी दिल्ली. यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया व पाकिस्तान सहित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के कुछ सदस्यांे ने भारत द्वारा चीनी के निर्यात पर दी जा रही सब्सिडी को लेकर सवाल उठाये हैं. थाइलैंड, न्यूजीलैंड व कोलंबिया ने भी कृषि को लेकर डब्ल्यूटीओ की प्रतिबद्धता पर चिंता जतायी है. डब्ल्यूटीओ ने कहा कि भारत से उसके चीनी […]
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