रांची: पंचायत चुनाव संपन्न होने के ढ़ाई साल बाद भी राज्य भर के 61 हजार से अधिक प्रत्याशियों ने चुनाव खर्च का हिसाब नहीं दिया है. राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, 36,925 ग्राम पंचायत सदस्य, 15,587 मुखिया, 7,581 पंचायत समिति सदस्य और 1,263 जिला परिषद सदस्य के प्रत्याशियों ने चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं सौंपा है. आयोग ने सभी प्रत्याशियों को नोटिस दिया है और पूछा है कि क्यों न उनके चुनाव लड़ने को प्रतिबंधित कर दिया जाये.
मालूम हो कि पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों की कुल संख्या 1,83,459 थी. इनमें से 1.20 लाख से अधिक प्रत्याशियों ने आयोग को चुनाव खर्च का हिसाब सौंप दिया है. जबकि शेष लोगों ने अब तक ब्योरा नहीं दिया है.
जिला परिषद सदस्यों ने भी नहीं दिया ब्योरा
चुनाव के दौरान आय-व्यय का ब्योरा नहीं देने के कारण राज्य के चार जिलों के सभी जिला परिषद सदस्यों की सदस्यता पर तलवार लटक गयी है. रामगढ़ में जिला परिषद के 216, खूंटी में 76, सिमडेगा में 73 और सरायकेला-खरसांवा में 146 प्रत्याशी खड़े हुए थे.
उनमें से एक उम्मीदवार ने भी अब तक अपने चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया है. हिसाब नहीं देनेवालों में चुनाव जीत कर जिला परिषद सदस्य या अध्यक्ष बन चुके पदाधिकारी भी शामिल हैं. राज्य निर्वाचन आयोग इन सभी जिलों के जिला परिषद सदस्यों को बरखास्त करने पर विचार कर रहा है. मामले में सभी को नोटिस पहले ही भेजा जा चुका है.
30 दिन में ब्योरा जरूरी
नियमानुसार, चुनाव खत्म होने के 30 दिन के अंदर प्रत्याशियों को खर्च का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करना होता है. निर्वाची पदाधिकारी के पास प्रत्याशी ब्योरा जमा करते हैं, जिसे चुनाव आयोग या राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपा जाता है. ब्योरा नहीं देने पर चुनाव लड़ना प्रतिबंधित या पद हासिल किये पदाधिकारी को बरखास्त भी किया जा सकता है.