सड़कों पर जाम का बड़ा का कारण है यह-रांची में हुई इतने वाहनों का रजिस्ट्रेशन-इस धनतेरस में 2500 कार व आठ हजार दोपहिया वाहनों की हुई है बि क्रीरांची : झारखंड बनने के बाद से रांची में वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. हर साल हजारों की संख्या में वाहनों की बिक्री हो रही है. सारे वाहन राजधानी रांची की सड़कों पर चल रहे हैं. यही वजह है कि रांची की सड़कों पर दोपहिया वाहन, कार, मिनीडोर आश्चर्यजनक तरीके से अधिक दिख रहे हैं. संबंधित विभाग के आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2006 से लेकर अब तक यानी कुल नौ वर्षों में करीब चार लाख नये वाहन रांची में बिके हैं. ये सारे वाहन यहां की सड़कों पर चल रहे हैं. 55 हजार से ज्यादा पैसेंजर कार नौ सालों में 55 हजार से ज्यादा पैसेंजर कार रांची की सड़कों पर आ गयी है. इसके अलावा तीन लाख से ज्यादा दोपहिया वाहनों का भार भी शहर की सड़कों पर पड़ा है. इस साल अक्तूबर तक ही 10 हजार से ज्यादा कारें व करीब 42 हजार दो पहिया वाहन बिक चुके है, जबकि 2006 का आंकड़ा देख लें, तो पूरे साल भर में मात्र 5300 कारें व 22 हजार दोपहिया वाहन ही बिके थे. पर हर साल इनकी मांग में बढ़ोतरी होती गयी, जो आज बढ़ कर लगभग दोगुनी हो गयी है. दोपहिया वाहनों व कारों की पार्किंग की भी व्यवस्था नहीं है. 21 हजार से ज्यादा ऑटो/मिनीडोर शहर की सड़कों पर जाम की समस्या सबसे ज्यादा ऑटो/मिनीडोर से ही हो रहे हैं. इन वाहनों की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त है. जिला परिवहन कार्यालय के आंकड़े में तो करीब 21 हजार ऑटो/मिनीडोर का रजिस्ट्रेशन दिख रहा है, पर हजारों की संख्या में ऐसे ऑटो/मिनीडोर भी हैं, जिसका रजिस्ट्रेशन का कोई अता-पता नहीं है. इन वाहनों से शहर की महत्वपूर्ण सड़कें अक्सर जाम रह रही है. विशेषज्ञ भी मानते है ंकि इसके बेतरतीब ड्राइविंग से ही जाम होता है. जहां पाते हैं, इन वाहनों को खड़ा कर देते है. इससे दुर्घटनाएं भी होती है. शहर में इसके पार्किंग को लेकर भी अक्सर झमेला होता है. इससे जाम की समस्या होती है. सड़क वाली स्टोरी का जोड़ हैसड़क तक बढ़ा ली दुकानशहर की संकीर्ण सड़क को अतिक्रमण कर और पतला कर दिया गया है. यह स्थिति दुकानदारों ने ही बना दी है. उन्होंने अपनी दुकानें सड़क तक बढ़ा ली है. मेन रोड से लेकर अपर बाजार, रातू रोड, चर्च रोड, डोरंडा, कोकर, ल ालपुर, बरियातू, कांटाटोली सहित अन्य प्रमुख सड़कों पर ऐसे हालात देखे जा सकते हैं. दुकानों से चार-फीट बाहर सड़क तक निकाल कर दुकानें लगायी जा रही है. ऐसी स्थिति में पार्किंग भी अतिक्रमण स्थल के बाद से हो रही है. नतीजन वाहन आने-जाने के लिए आधी सड़क ही बच रही है. सबसे विकट समस्या है कि यहां फुटपाथ दुकानदारों के लिए अलग से पर्याप्त सुविधा नहीं की गयी है. इस वजह से फुटपाथ भी सड़क को घेर कर लगाया जा रहा है. पैदल चलनेवालों की जगह नहींशहर के किसी भी सड़क में पैदल चलनेवालों के लिए अलग से जगह की व्यवस्था नहीं है. यानी फुटपाथ नहीं बनाया गया है. अभी यह योजना में ही है. इसे अमली जामा पहनाया नहीं जा सका है. नतीजन पैदल चलनेवाले भी सड़क का एक बड़ा हिस्सा घेर कर चलते हैं. बड़े शहरों में फुटपाथ की व्यवस्था होने की वजह से वाहनों के परिचालन में आसानी होती है.
नौ साल में बढ़े चार लाख वाहन
सड़कों पर जाम का बड़ा का कारण है यह-रांची में हुई इतने वाहनों का रजिस्ट्रेशन-इस धनतेरस में 2500 कार व आठ हजार दोपहिया वाहनों की हुई है बि क्रीरांची : झारखंड बनने के बाद से रांची में वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. हर साल हजारों की संख्या में वाहनों की बिक्री हो […]
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