रांची. विभिन्न महिला संगठनों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को राज्य महिला नीति 2014 पर विचार विमर्श किया. विमर्श में सहमति बनी कि महिला नीति को झारखंड के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक परिप्रेक्ष्य में ही देखा जाना चाहिए. वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं के संबंध में सरकार ने जो नीति घोषित की है उसमें कई बिंदु छूट गये हैं. नीति बनाने से पहले विभिन्न संगठनों व संस्थाओं ने जो सुझाव दिये थे उनकी अनदेखी की गयी है. यह भी कहा गया कि नीति में विभाग का जिक्र है लेकिन विभाग में कौन जवाबदेह होगा यह स्पष्ट नहीं है. झारखंड के ऐतिहासिक आंदोलनों में महिलाओं की अहम भूमिका रही है इसलिए नीति में फूलो झानों, माकी देवमनी की भूमिका और नेतृत्व का जिक्र होना चाहिए था. इसके अलावा ग्रामसभा से लेकर संसद तक महिलाओं की भागीदारी पर भी नीति में स्पष्ट जिक्र होना चाहिए था. आज की बैठक में श्रावणी, शशि बारला, वंदना टेटे, सस्मिता जेना, रेशमा सहित अन्य उपस्थित थी.
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राज्य महिला नीति पर विमर्श का आयोजन
रांची. विभिन्न महिला संगठनों के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को राज्य महिला नीति 2014 पर विचार विमर्श किया. विमर्श में सहमति बनी कि महिला नीति को झारखंड के ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक परिप्रेक्ष्य में ही देखा जाना चाहिए. वक्ताओं ने कहा कि महिलाओं के संबंध में सरकार ने जो नीति घोषित की है उसमें कई बिंदु […]
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