जगन्नाथपुर विधानसभा सीटतसवीर: 2 नोवा-2 देवी बलमुचु2 नोवा-3 संजय राहा, 2 नोवा-4, केशव गौड़2 नोवा-5, खीरेंद्री महापात्रकोड़ा दंपती के रथ को रोकने की तैयारी विपक्ष जुट चुका है घेराबंदी मेंजगन्नाथपुर विधानसभा की वर्तमान स्थिति रांची. जगन्नाथपुर विधानसभा सीट का नेतृत्व पिछले डेढ़ दशक से कोड़ा दंपती कर रहे हैं. एक बार भारतीय जनता पार्टी की टिकट से, जबकि दो बार जय भारत समानता पार्टी से जनता ने मौका दिया है. दो बार मधु कोड़ा स्वयं जीते हैं, एक बार पत्नी गीता कोड़ा ने नेतृत्व किया है. इनके विजय रथ को रोकने की तैयारी इस बार विपक्षी दलों ने की है. मधु कोड़ा को किये गये काम का भरोसा है, तो विपक्षी उन पर क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगा रहे हैं. पश्चिमी सिंहभूम का यह सीट हमेशा से ही चर्चा का केंद्र रहा है. भाजपा को इस सीट पर वर्ष 2000 में पहली दफा जीत मिली था. उस वक्त भाजपा ने युवा मधु कोड़ा को प्रत्याशी बनाया था. कांग्रेस इस सीट से करीब 30 साल से दूर है. झारखंड मुक्ति मोरचा ने कई बार इस सीट पर ताकतवर उम्मीदवार दिया, लेकिन जीत नहीं सकी है. जभासपा ने पहले ही इस सीट पर गीता कोड़ा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने मंगल सोरेन तथा कांग्रेस ने सनी सिंकू को उम्मीदवार बनाया है. कभी सीएम का क्षेत्र, आज भी बिजली-पानी की समस्या पश्चिमी सिंहभूम जिले के अन्य विधासभाओं की तरह जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र की मूलभूत समस्याएं जस की तस हैं. पेयजल व बिजली यहां की मुख्य समस्याओं में से एक है. आज भी विधानसभा के मुख्य शहरों से गांवों की सड़कें जुड़ नहीं पायी हैं. खदानों से भरा पूरा क्षेत्र होने के बावजूद रोजगार की समस्या है. विस के शहरी क्षेत्रों के विकास के लिये कोई भी बड़ी परियोजना अब तक धरातल पर उतर नहीं पायी है. कई कल कारखाने होने के बावजूद स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा नहीं है. आवागमन का साधन नहीं के बराबर है. इस विस से हर चुनाव में बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना एक बड़ा चुनावी मुद्दा रहा है. किसानों के लिए हमेशा अच्छी व्यवस्था की बात उठती रही है. ओडि़शा के तर्ज पर लौहांचल के शहरों व गांवों के विकास भी चुनावी मुद्दे रहे हैं. इसके अलावा शिक्षा व क्षेत्र के लिये बड़ी योजनाओं की लाने की बात भी उठती रही है. क्षेत्र के बंद पड़े खदानों को खोलना इस बार के चुनाव में एक मुख्य एजेंडा बनेगा. इसके अलावा रोजगार के लिये बेहतर विकल्प उपलब्ध कराना, ऐतिहासिक धरोहरों को पर्यटन स्थलों में तब्दील करना, क्षेत्र की परिवहन व्यवस्था में सुधार चुनावी मुद्दे बनेंगे. शिक्षा के क्षेत्र में महा विद्यालय खोलने, ओबीसी को आरक्षण आदि मुद्दे पार्टियों के चुनावी एजेंडों में शामिल हैं. लोगों से बातचीत पांच सालों के विधायक फंड से विकास कार्य किया गया है. जनता से उनका संपर्क भी अच्छा रहा है. मुंडासाई व दिउरीसाई में बिजली नहीं पहुंच पाने का मलाल है. दुंबी बलमुचु, पदापहाड़ के किसान सह पंचायत प्रतिनिधि पांच साल में विकास दिखा है तथा विधायक जन समस्या को लेकर संघर्ष करती दिखीं. सामाजिक विकास के लिये भी बेहतर भूमिका निभा रही हैं. संजय राहा, व्यवसायी रोजगार सृजन की दिशा में कार्य नहीं होने से क्षेत्र के ग्रामीणों का पलायन हुआ है. मजदूर हित में कार्य कराने में विधायक विफल रही हैं. बंद बोकारो रेलवे लोडिंग साइडिंग को पांच साल में भी नहीं खुलवा सकी. केशव गौड व लखन साही, मजदूरमहिला सशक्तीकरण में क्षेत्र फिसड्डी रही. स्वावलंबी बनाने की दिशा में पहल नहीं हुई. खीरेंद्री महापात्र, मां संतोषी महिला समिति, तोडेतोपाजगन्नाथपुर विधानसभा सीट पर अब रहे विधायक वर्ष 2009-गीता कोड़ा-जभासपा वर्ष 2005-मधु कोड़ा-जभासपा वर्ष 2000-मधु कोड़ा-भाजपावर्ष 1995-मंगल सिंह बोबोंगा-जेपीपीवर्ष 1990-मंगल सिंह लमाय-जेडीवर्ष 1985-अंकुरा हो दोरायबुरू-कांग्रेस वर्ष 1980-मंगल सिंह लमाय-निर्दलीयवर्ष 1977-बारजू हांसदा-जेएनपीवर्ष 1972-सिधु हेंब्रम-कांग्रेस वर्ष 1969- मंगल सिंह लमाय-निर्दलीय वर्ष 1962-वी पारये -कांग्रेस सड़क व पुल-पुलिया का जाल बिछाया : गीता कोड़ानिवर्तमान विधायक गीता कोड़ा ने कहा कि उन्होंने जनजातीय भाषाओं को दूसरे राजभाषा का दरजा दिलाया. मेडिकल कॉलेज की स्थापना पश्चिम सिंहभूम में करने के आश्वासन पर हेमंत सरकार को समर्थन दिया. सदूरवर्ती गांवों को शहरी क्षेत्रों से जोड़ने के लिये सड़कों व पुलिया का जाल बिछाया. पेयजल के लिये सरस्वतीपुर व मोगरा में जलापूर्ति योजना शुरू की. जोलडिहा में पॉलिटेक्निक खोला गया. वंचित 35 गांवों में बिजली बहाल की गयी. काटे गये 65 जहार बीपीएल परिवार को फिर से बीपीएल सूची में लाया गया. नोवामुंडी इंटर कॉलेज को डिग्री कॉलेज, बिरसाजोर व खरपोस स्कूल को मान्यता दिलायी गयी. आंदोलन कर बंद पड़े माइंस को खुलवाया गया. विकास तो दूर, विनाश हुआ : संजय पांडेय भाजपा के जिला अध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि पिछले पांच साल में क्षेत्र का विकास होना तो दूर, यह विनाश की ओर चला गया है. जेटिया अस्पताल आज भी बन ही रहा है. सेंट्रल अस्पताल, जामदा खुद बीमार हो चुका है. ग्रामीण, मजदूर के साथ-साथ उद्यमी भी पांच सालों से परेशान हैं. डोंगु वापोसी व अन्य क्षेत्र के लोग जानते हैं कि मुख्य सड़क को छोड़ बाकी सड़कों का क्या हाल है. रोजगार का केवल झूठा आश्वासन ही यहां के लोगों को मिला है.
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जगन्नाथपुर (विधानसभा रिपोर्ट)
जगन्नाथपुर विधानसभा सीटतसवीर: 2 नोवा-2 देवी बलमुचु2 नोवा-3 संजय राहा, 2 नोवा-4, केशव गौड़2 नोवा-5, खीरेंद्री महापात्रकोड़ा दंपती के रथ को रोकने की तैयारी विपक्ष जुट चुका है घेराबंदी मेंजगन्नाथपुर विधानसभा की वर्तमान स्थिति रांची. जगन्नाथपुर विधानसभा सीट का नेतृत्व पिछले डेढ़ दशक से कोड़ा दंपती कर रहे हैं. एक बार भारतीय जनता पार्टी की […]
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