संवाददाता, रांची मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल ने न्यायिक अभिरक्षा में विचाराधीन बंदी पूरन उरांव और धरमपाल साहू की मौत की जांच शुरू कर दी है. उनकी मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. पीयूसीएल ने पूरन उरांव की संदिग्ध मौत की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम व धरमपाल साहू की मौत के लिए चार सदस्यीय टीम बनायी है. इस बात की जानकारी पीयूसीएल के महासचिव आनंद ने एक विज्ञप्ति जारी कर दी है. श्री आनंद ने कहा है कि पिठौरिया के नवाडीह निवासी पूरन उरांव (40 वर्षीय) को छह अक्तूबर को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार जेल भेजा गया था. 10 अक्तूबर 2014 को दिन में 12 बजे जख्मी अवस्था में उसे रिम्स में भरती कराया गया था, 11 अक्तूबर 2014 को उसकी मौत हो गयी थी. परिजनों ने जेल में उसके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया था. मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. रातू के पावर हाउस के समीप रहनेवाले शिव साहू के पुत्र धरमपाल साहू की मौत का कारण परिजनों ने पुलिस की पिटाई व इलाज में कोताही बरती जाना बताया है. पीयूसीएल बंदियों को हिरासत में लिये जाने की प्रक्रिया, न्यायिक अभिरक्षा में बंदियों के मिले अधिकार, चिकित्सीय सुविधा सहित मारपीट के आरोपों की जांच कर रहा है.
पीयूसीएल ने दो कैदियों की मौत की जांच शुरू की
संवाददाता, रांची मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल ने न्यायिक अभिरक्षा में विचाराधीन बंदी पूरन उरांव और धरमपाल साहू की मौत की जांच शुरू कर दी है. उनकी मौत का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. पीयूसीएल ने पूरन उरांव की संदिग्ध मौत की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम व धरमपाल साहू की मौत के […]
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