सीसीएल ने 148 करोड़ रुपये दिये
रांची : एक दशक बाद भी राज्य की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना शिवपुर-टोरी लाइन बनाने का काम शुरू नहीं हो पाया है. वर्ष 1999 में इस परियोजना की स्वीकृति मिली थी. वर्ष 2000 में सीसीएल ने इसके निर्माण के लिए 148 करोड़ रुपये केंद्र को दिये थे. पैसा दिये हुए करीब 13 साल बीत गये. इसके बावजूद काम की प्रगति मात्र 11 किमी लाइन के लिए टेंडर निकालना है.
62 मिट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य है : शिवपुर-टोरी लाइन के लिए उत्पादन लक्ष्य करीब 62 मिट्रिक टन है. चारों परियोजनाएं शुरू होने की स्थिति में है. इसमें मगध और आम्रपाली किसी भी दिन शुरू हो सकती है.
पचरा और संगमित्र प्रोजेक्ट का क्लीयरेंस मिल गया है. भूमि अधिग्रहण हो रहा है. मगध की उत्पादन क्षमता 20, आम्रपाली की 12, पचरा और संगमित्र की उत्पादन क्षमता 15-15 एमटी है.
परियोजना लागत दोगुनी से अधिक हुई : इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 1999 में 16 हजार करोड़ रुपये थी. यह बढ़ कर अब 3350 करोड़ रुपये हो गयी है. रेलवे मंत्रालय ने नया डीपीआर बना कर सीसीएल को भेजा है. इसमें लागत बढ़ाये जाने का जिक्रा है. पूरी राशि सीसीएल को देनी है.
तीन बार बढ़ चुकी है डेड लाइन : परियोजना पूरी करने की डेड लाइन तीन बार बदल चुकी है. पहले यह 2009 में पूरा करना था. बाद में इसे 2013 कर दिया गया. इसके बाद मार्च 2015 का समय तय किया गया था. अब इसे बढ़ा कर 2015 दिसंबर कर दिया गया है.
।। मनोज सिंह ।।