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सीबीआइ दे 10 हजार रुपये का हर्जाना

नौसेना वार रूम लीक मामला. अदालत का आदेशएजेंसियां, नयी दिल्लीसीबीआइ को एक विशेष अदालत की नाराजगी का सामना करना पड़ा है. अदालत ने 2006 के नौसेना ‘वार रूम लीक’ मामले में किसी अभियोजक की नियुक्ति नहीं कर कार्यवाही में अनावश्यक देरी करने के लिए उसे हर्जाने के रूप में 10 हजार रुपये जमा कराने का […]

नौसेना वार रूम लीक मामला. अदालत का आदेशएजेंसियां, नयी दिल्लीसीबीआइ को एक विशेष अदालत की नाराजगी का सामना करना पड़ा है. अदालत ने 2006 के नौसेना ‘वार रूम लीक’ मामले में किसी अभियोजक की नियुक्ति नहीं कर कार्यवाही में अनावश्यक देरी करने के लिए उसे हर्जाने के रूप में 10 हजार रुपये जमा कराने का आदेश दिया. इस मामले में पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण पराशर, पूर्व नौसेना अधिकारी विजेंदर राणा, नौसेना के बरखास्त कमांडर वीके झा, वायुसेना के पूर्व विंग कमांडर एसजेएल सुर्वे और हथियारों के डीलर तथा दिल्ली के कारोबारी अभिषेक वर्मा पर मुकदमा चल रहा है. विशेष सीबीआइ न्यायाधीश जेपीएस मलिक ने यह आदेश दिया. इस मामले को देख रहे पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया. अदालत इस मामले में इसलिए नाराज थी कि सीबीआइ ने अब तक इस मामले में किसी अभियोजक की नियुक्ति नहीं की है. इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल ने राजीव मोहन को विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) नियुक्त किया था. कोर्ट ने कहा कि 13 अक्तूबर, 2014 को वकील राजीव मोहन ने सूचित किया था कि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली के नियमित काडर से इस्तीफा दे दिया है और दिल्ली के उपराज्यपाल ने उन्हें मामले में एसपीपी नियुक्त किया है. लेकिन नये एसपीपी की नियुक्ति के लिए अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है. अदालत ने इस आदेश की प्रति सीबीआइ के निदेशक रंजीत सिन्हा को भी भेजने का निर्देश दिया है. अदालत ने अगली सुनवाई के लिए पहले 12 नवंबर की तारीख तय की थी, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया. अब इस मामले में 26 नवंबर को आगे सुनवाई होगी.

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