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संताल में मुख्यमंत्री समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दावं पर

झामुमो, भाजपा, कांग्रेस व राजद ने झोंकी ताकतनमो के सहारे विधानसभा जाने की तैयारी में भाजपाप्वाइंट…-झामुमो को गुरुजी, हेमंत व स्टीफन का सहारा-झामुमो के लिए सीटिंग सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न-कांग्रेस, झाविमो, राजद लड़ेगी अस्तित्व की लड़ाई-2005 में भाजपा को सात व झामुमो को मिली थी पांच सीटें- हर उम्मीदवार चाहता है नमो की हो उनके […]

झामुमो, भाजपा, कांग्रेस व राजद ने झोंकी ताकतनमो के सहारे विधानसभा जाने की तैयारी में भाजपाप्वाइंट…-झामुमो को गुरुजी, हेमंत व स्टीफन का सहारा-झामुमो के लिए सीटिंग सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न-कांग्रेस, झाविमो, राजद लड़ेगी अस्तित्व की लड़ाई-2005 में भाजपा को सात व झामुमो को मिली थी पांच सीटें- हर उम्मीदवार चाहता है नमो की हो उनके क्षेत्र में सभासंताल से सीएम, स्पीकर और मंत्री भी लड़ रहे हैं चुनाव बॉक्ससंताल में क्या रहा है पार्टियों का ट्रेंडदल200020052009भाजपा050702झामुमो080510कांग्रेस020201राजद020102जदयू–0100निर्दलीय–0201झाविमो—-02सीपीआइ010000—————————-संजीत मंडल, देवघरविधानसभा चुनाव-2014 में इस बार संतालपरगना का मुकाबला काफी रोचक होगा. रोचक इस मायने में कि यहां से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई मंत्री, यहां तक की स्पीकर भी चुनाव लड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री व उनके तीन मंत्री झामुमो के हुसैन अंसारी, लोबिन हेंब्रम, राजद के सुरेश पासवान के अलावा स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता की प्रतिष्ठा भी दावं पर है. जिस तरह से झामुमो ने संताल की किलाबंदी की है, उसी तरह इस बार भाजपा भी नमो के सहारे संताल फतह की तैयारी में जुटी है. एक ओर जहां झामुमो के सभी सीटिंग दिग्गज अपनी सीट बचाने के लिए संघर्ष करेंगे, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस, झाविमो और राजद को भी सीटें बचाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा. भाजपा के उम्मीदवारों को नमो ही सहारा2009 के चुनाव की बात करें, तो भाजपा के पक्ष में परिणाम निराशाजनक रहा था. 18 में से मात्र दो सीटों पर ही पार्टी की जीत मिली थी. पार्टी मात्र छह सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. अब इस चुनाव में भाजपा महाराष्ट्र और हरियाणा के परिणाम से उत्साहित है. यहां के उम्मीदवार नमो के सहारे विधानसभा पहुंचने की तैयारी में हैं. संताल की लगभग सभी सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर झामुमो से मिलने वाली है. सभी उम्मीदवार चाहते हैं कि नमो की सभा उनके विधानसभा में हो. वहीं झामुमो के उम्मीदवारों को अपने स्टार प्रचारक गुरुजी और हेमंत के अलावा अभी पार्टी में शामिल हुए स्टीफन का ही सहारा है. 2005 में भाजपा को मिली थी अधिक सीट2009 के मुकाबले 2005 में भाजपा को संताल परगना में अधिक सीटें मिली थी. पार्टी को उक्त चुनाव में सात सीट मिली थी, जबकि 2009 में यह घट कर दो हो गयी. वहीं झामुमो को 2005 में पांच सीटें ही मिली, लेकिन 2009 में झामुमो ने जबरदस्त वापसी की और पार्टी ने 10 सीटें जीती. अन्य दल एक या दो सीट पर ही सिमट कर रह गये थे.

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