वरीय संवाददाता, रांचीराज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) डीके श्रीवास्तव ने कहा है कि गांवों के विकास से ही राज्य और देश को विकसित श्रेणी में खड़ा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के समुचित विकास के लिए एक नीयत कार्यक्रम तय कर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. आदिवासी, ग्रामीण भारत एवं भूमंडलीकरण के दौर में अभियांत्रिकी के महत्व विषयक गोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए पीसीसीएफ ने कहा कि तकनीकी संस्थानों के छात्र-छात्राओं को सुलभ और किफायती तकनीक के विकास में अधिक तवज्जो दी जानी चाहिए. उन्होंने दो दिनी संगोष्ठी में प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. सेंटर फार बायो इंफॉरमेटिक्स पॉलिटेक्निक कॉलेज संस्थान की ओर से आयोजित कार्यक्रम में आज भी तकनीकी सत्र प्रस्तुत किया गया. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के डॉ जेडए हैदर ने विपरीत परिस्थितियों में अधिक उपजवाले बीज विकसित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड में 13 सौ मिलीमीटर की औसत बारिश की तुलना में अब कम बारिश हो रही है. साथ ही साथ प्राकृतिक आपदा से भी कृषि उत्पादन प्रभावित हो रहा है. संस्थान के छात्र विश्वकर्मा ने गांवों में उपलब्ध वस्तुओं से ही टाइल्स, खपड़ा और अन्य उत्पादन के लिए सस्ती और सुलभ तकनीक से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया. मौके पर रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ एए खान मौजूद थे. सभी अतिथियों का सम्मान संस्थान की निदेशक डॉ रश्मि ने किया. कार्यक्रम के समापन समारोह में छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया.
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गांवों के विकास से राज्य होगा विकसित : पीसीसीएफ
वरीय संवाददाता, रांचीराज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) डीके श्रीवास्तव ने कहा है कि गांवों के विकास से ही राज्य और देश को विकसित श्रेणी में खड़ा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के समुचित विकास के लिए एक नीयत कार्यक्रम तय कर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. आदिवासी, […]
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