मुंबई. लगातार दो साल तक पांच प्रतिशत से कम आर्थिक वृद्धि और दहाई अंकों पर पहुंची मुद्रास्फीति का सामना करने के बाद देश की आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति संतुलन स्थिति में कुछ सुधार दिखाई दिया है. इससे अगले वित्त वर्ष में ब्याज दरों में एक प्रतिशत तक कटौती हो सकती है. एक रिपोर्ट में बात कही गयी है. सिटीग्रुप इंडिया की प्रमुख अर्थशास्त्री रोहिणी मल्कानी ने सोमवार को जारी एक नोट में कहा कि पिछले वर्ष के तुलनात्मक आधार का असर समाप्त होने के बाद हमें आनेवाले महीनों के दौरान स्थिति सुधरने की उम्मीद है. सरकार की ओर से खाद्य मुद्रास्फीति को काबू में रखने के प्रयास जारी है. बजट में वित्तीय अनुशासन पर जोर दिया जा रहा है. ऐसे में हमें वित्त वर्ष 2015-16 तक ब्याज दरों में एक प्रतिशत अंक कमी की उम्मीद है और चालू वित्त वर्ष के अंत तक यह कटौती 0.75 प्रतिशत तक हो सकती है.
सिटीग्रुप को दरों में एक प्रतिशत कटौती की उम्मीद
मुंबई. लगातार दो साल तक पांच प्रतिशत से कम आर्थिक वृद्धि और दहाई अंकों पर पहुंची मुद्रास्फीति का सामना करने के बाद देश की आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति संतुलन स्थिति में कुछ सुधार दिखाई दिया है. इससे अगले वित्त वर्ष में ब्याज दरों में एक प्रतिशत तक कटौती हो सकती है. एक रिपोर्ट में बात […]
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