केंद्र कानून में करे संशोधनमिलावट करनेवाले के लिए हो उम्र कैद का प्रावधान नयी दिल्ली. दूध और दूध के उत्पादों में मिलावट के मसले को ‘बहुत गंभीर’ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में खाद्य सुरक्षा और मानक कानून में संशोधन पर विचार किया जाये और इस अपराध को दंडनीय बनाते हुए उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया जाये. जस्टिस एमवाइ इकबाल और जस्टिस शिव कीर्ति सिंह की खंडपीठ ने कहा, ‘हम आशा और विश्वास करते हैं कि केंद्र संसद के शीतकालीन सत्र में ही इस संबंध में उचित उपाय करेगा.’ न्यायाधीशों ने कहा, ‘यही उचित समय है. दूध में मिलावट जारी है और राज्यों को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए. सरकार या तो अपने खाद्य सुरक्षा कानून में संशाधन करे या फिर नया कानून बनाये.’ इस बीच, कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मसले पर अभी तक की गयी कार्रवाई का विवरण देते हुए चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई 10 दिसंबर के लिए स्थगित कर दी. याचिकाकर्ता के वकील अनुराग तोमर का कहना था कि दूध और दूध के उत्पादों में ‘सफेद पेंट, कास्टिक सोडा, डिटरजेंट, शैम्पू, यूरिया, स्टार्च और ब्लाटिंग पेपर’ तक मिलाया जा रहा है.
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दूध में मिलावट पर सुप्रीम कोर्ट गंभीर, कहा
केंद्र कानून में करे संशोधनमिलावट करनेवाले के लिए हो उम्र कैद का प्रावधान नयी दिल्ली. दूध और दूध के उत्पादों में मिलावट के मसले को ‘बहुत गंभीर’ बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र से कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में खाद्य सुरक्षा और मानक कानून में संशोधन पर विचार किया जाये और […]
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