रांची: झारखंड में 25 नवंबर से पांच चरणों में हो रहे विधानसभा चुनावों के पहले राजनीतिक दलों के नेताओं ने दलबदल की निंदा की और कहा कि मतदाता ही ऐसे नेताओं के खिलाफ मतदान कर इस चलन को रोक सकते हैं.
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दलबदलु नेताओं को सबक सिखाये जनता
रांची: झारखंड में 25 नवंबर से पांच चरणों में हो रहे विधानसभा चुनावों के पहले राजनीतिक दलों के नेताओं ने दलबदल की निंदा की और कहा कि मतदाता ही ऐसे नेताओं के खिलाफ मतदान कर इस चलन को रोक सकते हैं. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलफाम मुजिबी ने कहा कि राजनीति में नैतिकता […]
झारखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलफाम मुजिबी ने कहा कि राजनीति में नैतिकता के लिए कोई स्थान नहीं रह गया है और इसका झारखंड भी अपवाद नहीं है.अवसरवादी नेताओं ने राजनीति की विश्वसनीयता को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि यह लोगों का कर्तव्य है कि वे ऐसे अवसरवादी लोगों का फैसला करें और उन्हें ऐसे नेताओं के पक्ष में मतदान नहीं करना चाहिए. उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि उनकी पार्टी में भी ऐसे नेता शामिल हुए हैं.झारखंड के विधानसभाध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता ने कहा कि मौजूदा दौर की राजनीति में नैतिकता और सिद्धांत की बात करना निर्थक बहस है. भोक्ता ने कहा कि सैद्धांतिक राजनीति का दौर भविष्य में लौट सकता है और यह लोगों के हाथ में है.
उन्होंने जिक्र किया कि इस बार झारखंड में लोकसभा चुनावों के दौरान लोगों ने किस तरह एक ‘‘अवसरवादी’’ को स्वीकार कर लिया जबकि एक अन्य को पराजित कर दिया.पूर्व सांसद सूरज मंडल ने कहा कि इस अवसरवादी राजनीति के लिए नेता और पार्टी दोनों समान रुप से दोषी हैं. हटिया से मौजूदा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि आजसू नेतृत्व ने उनकी सीट भाजपा को दे दी. इसलिए वह आजसू छोडकर झारखंड विकास मोर्चा में शामिल हो गए.
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