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आदिवासियों के जीवन पर फिल्म
राहुल गुरु युवा निर्देशक प्रियार्थ जेवियर इंस्टीट्यूट से कर रहे हैं पढ़ाई रांची : शहर के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है. खेल हो या शिक्षा, या हो फिल्मों की बात हर क्षेत्र में यहां के युवा अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं. बिरसा चौक के रहने वाले युवा फिल्म निर्देशक प्रियार्थ अपनी शॉर्ट फिल्मों […]
राहुल गुरु
युवा निर्देशक प्रियार्थ जेवियर इंस्टीट्यूट से कर रहे हैं पढ़ाई
रांची : शहर के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है. खेल हो या शिक्षा, या हो फिल्मों की बात हर क्षेत्र में यहां के युवा अपनी प्रतिभा दिखा रहे हैं. बिरसा चौक के रहने वाले युवा फिल्म निर्देशक प्रियार्थ अपनी शॉर्ट फिल्मों के माध्यम से प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं. अभी तक वे पांच शॉर्ट फिल्म और चार पीएसए का निर्माण कर चुके हैं.
रांची से की पढ़ाई पूरी
20 वर्षीय प्रियार्थ मुखर्जी ने 10वीं संत थॉमस से की. 12वीं की पढ़ाई जेवीएम श्यामली से पूरी करने के बाद मणीपाल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूनिकेशन से जर्नलिज्म एंड कम्यूनिकेशन में स्नातक की डिग्री ली. वर्तमान में जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्यूनिकेशन, रांची से इसी क्षेत्र में पीजी डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे हैं.
बचपन से ही रही है फिल्मों में रुचि
प्रियार्थ बताते हैं कि मुझे स्कूल टाइम से ही ड्रामा, थियेटर आदि में रुचि रही है. मैं फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कैरियर बनाना चाहता था. इस क्षेत्र में रुचि का होना मुझे यहां तक पहुंचाया है. स्नातक करने के दौरान इन्होंने विभिन्न विषयों के जुड़े 5 से अधिक शॉर्ट फिल्म व चार पीएसए बना चुके हैं. कई जगहों पर सराहना भी हो चुकी है. उनका कहना है कि मेरे पैरेंट्स ने भी काफी सहयोग और प्रेरणा दी है.
प्रोडक्शन हाउस बना कर की शुरुआत
स्नातक करने के दौरान ही साल 2012 में इन्होंने ‘रिवोल्यूशिनेडो वेरासिटी’ नाम से प्रोडक्शन हाउस की शुरुआत की. इस प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले इन्होंने पहली फिल्म ‘डोगा का कहर’ बनायी. यह फिल्म युवाओं के मस्ती पर आधारित थी. इसके बाद इन्होंने ‘ज्वार-भाटा’ नाम की फिल्म बनायी. यह फिल्म आत्महत्या विरोधी फिल्म थी. तीसरी फिल्म कन्नड़ भाषा में बनायी.
इन्होंने ‘अभिव्यंजना’ नाम की फिल्म बनायी. यह फिल्म कोलकाता अंतरराष्ट्रीय शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के बेस्ट इडिटिंग, डाइरेक्टिंग व एक्टिंग मूवी की श्रेणी में नोमिनेटेड भी हुई. फिलहाल उनका प्रोडक्शन हाउस छोटे एडवर्टिजमेंट, डॉक्यूमेंट्री के अलावा एनिमेशन फिल्म बनाने का काम करता है. अपने प्रोडक्शन हाउस के तले इन्होंने ‘इटीसी’ के लिए एंटी पाइरेसी विषय पर विज्ञापन फिल्म भी बनायी है.
झारखंडी आदिवासियों पर बनायेंगे फिल्म
प्रियार्थ मुखर्जी बताते हैं कि बहुत जल्द ही हम वैसे आदिवासियों के जीवन शैली को फोकस करते हुए फिल्म बनाने जा रहे हैं. इस फिल्म में हम वैसे आदिवासियों की जीवन शैली और उनकी समस्याओं को बतायेंगे, जिनका जीवन पूरी तरह से जंगलों पर निर्भर है.
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