नयी दिल्ली/रांची: झाविमो नेताओं का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिला और विधानसभा भंग करने की गुहार लगायी. श्री मरांडी ने राष्ट्रपति से कहा कि राज्य में किसी दल के पास बहुमत नहीं है. बावजूद इसके पांच महीने से विधानसभा निलंबित कर रखी गयी है.
विधानसभा भंग कर नये जनादेश का रास्ता साफ नहीं किया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री व वित्त मंत्री ने लोकसभा व राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की बात कही थी. इसके बाद भी इस दिशा में आगे कार्यवाही नहीं हुई.
राज्य की भाजपा, झाविमो, आजसू जैसी पार्टियों ने राजभवन को विधानसभा भंग करने के लिए लिख कर दिया है. राज्य में जनता के बीच जान-बूझ कर भ्रम फैलाया जा रहा है. जनता को धोखा में रख कर सच्चई को झुठलाते हुए झामुमो और कांग्रेस सरकार बनाने का निर्थक प्रयास कर रहे हैं. खरीद-फरोख्त से सरकार बनाने की कोशिश हो रही है. लोकतंत्र व संविधान के साथ खिलवाड़ की जा रही है.
श्री मरांडी ने राष्ट्रपति से कहा कि पहले भी सरकार गठन में खरीद-फरोख्त से सरकारें बनती रही हैं, जिससे राज्य की काफी बदनामी हुई है. इसलिए आग्रह है कि पूरे मामले में हस्तक्षेप कर विधानसभा भंग कराने की पहल की जाये. इस पर राष्ट्रपति ने कहा कि वह पूरे मामले में प्रधानमंत्री से बात करेंगे. संविधान सम्मत कार्रवाई होगी.