ऐसे में उनके सवालों का जवाब देते-देते विधायक थक गये हैं. इसका असर जनता व विधायक के संबंधों पर पड़ रहा है. ऐसी स्थिति ठीक विधानसभा चुनाव के पहले हुई है. इससे विधायक परेशान हैं. वे संकट में पड़े हुए हैं. यह सब कुछ विधायक कोष की राशि नहीं मिलने की वजह से हुई है.
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नहीं निकला विधायक कोष, कोस रही जनता
रांची: राज्य के पांच जिले को छोड़ कर शेष जिलों के विधायकों को जनता का कोप सहना पड़ रहा है. जनता रोज सड़क, नाली, चापाकल के लिए उनके पास दौड़ रही है. योजना स्वीकृति के बाद भी काम नहीं होने से जनता गुस्से में है. सड़क/नाली नहीं बनने से वे जन प्रतिनिधियों को कोसने से […]
रांची: राज्य के पांच जिले को छोड़ कर शेष जिलों के विधायकों को जनता का कोप सहना पड़ रहा है. जनता रोज सड़क, नाली, चापाकल के लिए उनके पास दौड़ रही है. योजना स्वीकृति के बाद भी काम नहीं होने से जनता गुस्से में है. सड़क/नाली नहीं बनने से वे जन प्रतिनिधियों को कोसने से भी नहीं चूक रहे हैं.
विधायक इसके लिए जिले के अफसरों को कोस रहे हैं. वे कहते हैं : डीसी बिल जमा नहीं करने की वजह से विधायक कोष की राशि नहीं निकल पायी. डीसी बिल अफसरों को जमा कराना था. यह काम विधायकों का नहीं है. इन अफसरों की वजह से वे परेशान हो रहे हैं.
सरकार ने राशि निर्गत करने का दिया था आदेश
मौजूदा विधायकों को राशि देने का मामला काफी समय से चल रहा था. तकनीकी अड़चनों की वजह से उन्हें राशि नहीं मिल रही थी. विधायकों को पांच साल के कार्यकाल में छठी बार राशि मिलने को लेकर पेंच फंसा हुआ था. अंतत: कुछ शर्तो के साथ राशि निर्गत करने का आदेश हुआ. पर वित्त विभाग ने यह स्पष्ट किया कि राशि तभी मिलेगी, जब पुराने खर्च का हिसाब दिया जायेगा. इसी मामले में सारे विधायकों का पैसा फंस गया.
पांच जिलों ने ही दिया है हिसाब
राज्य के केवल पांच जिलों चतरा, धनबाद, कोडरमा, सरायकेला-खरसावां ने ही विधायक कोष का हिसाब दिया है. यानी इन्हीं जिलों ने डीसी बिल जमा कराया है. सूचना के मुताबिक रांची जिले के कुछ क्षेत्र का भी हिसाब दे दिया गया है. सूचना है कि इन क्षेत्रों की राशि छठ के पहले रिलीज हो गयी है.
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