एजेंसियां, वाशिंगटनयूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया सैन फ्रांसिस्को के शोधार्थियों के अनुसार, स्मोकिंग की तरह ही शीतय पेय 4.6 साल का अतिरिक्त जैविक बुढ़ापा देता है. 1999 से 2002 तक चले एक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है.धूम्रपान की तरह ही शीतल पेय का सेवन बुजुर्गियत जल्द लाता है. एक नये अध्ययन के अनुसार, रोजाना यदि आधा लीटर भी मीठा सोडा पिया जाये, तो यह स्मोकिंग की तरह ही 4.6 साल का अतिरिक्त जैविक बुढ़ापा देता है. अध्ययन में शर्करा की अधिकता वाले पेय, कोशिका की आयु को कम करते हैं.यह था अध्ययनयूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया सैन फ्रांसिस्को के शोधार्थियों ने 1999 से 2002 में चले एक हेल्थ सर्वे के दौरान 20 से 65 साल के 5309 प्रतिभागियों के डीएनए से टीलोमेयर की लंबाई नापी थी.और यह था निष्कर्षअध्ययन बताता है कि जिन लोगों ने कथित तौर पर सोडा अधिक पिया, उनकी श्वेत रक्त कोशिकाओं में पाये जाने वाले क्र ोमोजोम्स के टिलोमेयर्स छोटे पाये गये. टीलोमेयर, डीएनए की सुरक्षित इकाई हैं, जो प्रत्येक क्र ोमोजोम के अंत में एक ढक्कन की तरह स्थित होता है. श्वेत रक्त कोशिकाओं में टीलोमेयर की लंबाई को मनुष्यों की जीवनकाल से संबंधित माना गया है.
शीतल पेय पीने से जल्द आता है बुढ़ापा
एजेंसियां, वाशिंगटनयूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया सैन फ्रांसिस्को के शोधार्थियों के अनुसार, स्मोकिंग की तरह ही शीतय पेय 4.6 साल का अतिरिक्त जैविक बुढ़ापा देता है. 1999 से 2002 तक चले एक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है.धूम्रपान की तरह ही शीतल पेय का सेवन बुजुर्गियत जल्द लाता है. एक नये अध्ययन के अनुसार, रोजाना यदि […]
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