प्रदीप कुमार जैननिवेश सलाहकारअजय की अभी-अभी नौकरी लगी है. उसके पिता चतुर प्रसाद ने उसे चक्रवद्घि ब्याज की ताकत को बताते हुए कहा कि यदि अजय अपने किसी खर्च पर कटौती करके सिर्फ 10 हजार रुपये भी एक बार बचाता है, तब यह रकम 12 प्रतिशत के ब्याज दर से उसकी सेवा निवृत्ति के उम्र पर बढ़ कर 5 लाख 28 हजार रुपये हो जायेगी. यह सुन कर अजय की आंखें फटी के फटी रह गयी और वह समझ गया कि आज खर्च किया गया 10 हजार रुपये का अर्थ है कि 35 वर्ष बाद बुढ़ापे में 5 लाख रुपयों से वंचित होना. यह वह उम्र होगी जब उसे धन की सबसे अधिक आवश्यकता होगी. अजय के पिता ने बताया कि यदि वह इसी तरह हर माह 10 हजार रुपये की बचत करता रहे तब आगामी 35 वषार्ें में उसके द्वारा किये गये बचत की मूल रकम 42 लाख रुपये होगी. लेकिन चक्रवृद्घि ब्याज की ताकत के कारण 60 वर्ष की आयु मंे उसकी बचत बढ़ कर 6 करोड़ 42 लाख हो जायेगी. यानी 6 करोड़ का शुद्घ मुनाफा, सिर्फ 42 लाख रुपये की बचत पर. उसने निर्णय लिया कि वह गैर जरूरी खचार्ें को रोक कर अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए बचत अवश्य करेगा. जी हां, यह चक्रवृद्घि ब्याज की ताकत है. चक्रवृद्घि ब्याज यानी मूलधन के अलावा ब्याज पर भी ब्याज की आमदनी. रकम कितनी बढ़ेगी, यह निर्भर करेगा कि ब्याज की दर कितनी है और रकम कितने वक्त तक रखी गयी है. उपरोक्त उदाहरण में यदि ब्याज की दर को 12 प्रतिशत से बढ़ा कर 15 प्रतिशत कर दिया जाये, तब सिर्फ 3 प्रतिशत के अंतर के कारण परिपक्वता पर मिलनेवाला लाभ 6 करोड़ से बढ़ कर 14 करोड़ हो जायेगा. इसलिए सामान्यतया ज्यादा लाभ देने वालेे निवेश अवसरों का अध्ययन करना जरूरी है. सेंसेक्स में बढ़ोत्तरी के दृष्टिकोण से देखा जाये, तो शेयर बाजार ने पिछले 35 वषार्ें में औसतन 18 प्रतिशत का लाभ दिया है. हमें जहां मध्यम अवधि की जरूरतों के लिए फिक्सड डिपोजिट जैसे निश्चित आय देनेवाली योजनाओं मे निवेश करना चाहिए. वहीं अपने दीर्घकालीन निवेश को शेयर बाजार में आधारित योजनाओं में निवेश करना चाहिए.19 वर्षों में 70 गुणा वृद्धिरिलायंस ग्रोथ फंड ने पिछलेे 19 वषार्ें में निवेश की रकम को 70 गुणा से बढ़ाया है. इस योजना में तीन हजार रुपये प्रति माह जमा करनेवाले निवेशकों की रकम बढ़ कर पिछलेे 19 वषार्ें में 1 करोड़ 37 लाख हो गयी है. जबकि निवेश की कुल राशि सिर्फ 6 लाख 84 हजार रुपये रही. निवेशकों को ऐसा ही लाभ एचडीएफसी इक्विटी फंड और फ्रैंकलिन प्राइमा फंड जैसी अन्य पुरानी योजनाओं से भी मिला है.दुनिया का आठवां आश्चर्यएक कवि ने राजा से इनाम में मांगा कि उसे शतरंज के प्रत्येक खाने में दुगुनी मात्रा में रखे गये चावल के दाने के बराबर का अनाज चाहिए. कवि की इस साधारण से मांग को गणना करके देखा गया कि सभी 64 खानों में कुल मिला कर चावल के दानों की संख्या 18,446,744,073,709,551,615 होगी. यह संख्या इतनी बड़ी है कि इसे गिनना भी मुश्किल है. यह चक्रवृद्घि ब्याज की दर के बढ़ने का एक उदाहरण है इसलिए महान वैज्ञानिक आइंस्टाइन ने इसे दुनिया का आठवां आश्चर्य कहा है.निवेश की गयी किसी भी रकम को छोटा न समझें. लगातार और लंबे समय तक निवेश करने की आदत डालें. निवेश योजनाओं का अध्ययन करें, जिससे कि निवेश पर मिलने वाले लाभ के दर को जोखिम पर नियंत्रण करते हुए बढ़ाया जा सके. चक्रवृद्घि ब्याज का लाभ उठाने के लिए पीपीएफ और म्यूचुअल फंड की इक्विटी आधारित योजनाओं में सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट करंे. खर्च करने से पहलेे विचार करंे कि क्या यह खर्च मेरे लिए जरूरी है. ऐसा करने से आप अपने जीवन को आर्थिक आजादी की ओर ले जा सकते हैं.
चक्रवृद्घि ब्याज की ताकत
प्रदीप कुमार जैननिवेश सलाहकारअजय की अभी-अभी नौकरी लगी है. उसके पिता चतुर प्रसाद ने उसे चक्रवद्घि ब्याज की ताकत को बताते हुए कहा कि यदि अजय अपने किसी खर्च पर कटौती करके सिर्फ 10 हजार रुपये भी एक बार बचाता है, तब यह रकम 12 प्रतिशत के ब्याज दर से उसकी सेवा निवृत्ति के उम्र […]
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