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डालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र (फोटो रिजनल डेस्क से ले लेंगे)

नाम उद्योग ना धंधा, हो रहा पलायनआज भी मूलभूत समस्या तलाश रहा क्षेत्रअविनाश, डालटेनगंज/रांचीएक और पांच वर्ष गुजर गया. तहले सिंचाई परियोजना पर काम नहीं हुआ. बात वर्ष 2008 की है, जब मुख्यमंत्री रहते हुए अर्जुन मुंडा इसका शिलान्यास करनेवाले थे, पर विरोध के कारण शिलान्यास नहीं हुआ. योजना अधूरी रह गयी. डालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र […]

नाम उद्योग ना धंधा, हो रहा पलायनआज भी मूलभूत समस्या तलाश रहा क्षेत्रअविनाश, डालटेनगंज/रांचीएक और पांच वर्ष गुजर गया. तहले सिंचाई परियोजना पर काम नहीं हुआ. बात वर्ष 2008 की है, जब मुख्यमंत्री रहते हुए अर्जुन मुंडा इसका शिलान्यास करनेवाले थे, पर विरोध के कारण शिलान्यास नहीं हुआ. योजना अधूरी रह गयी. डालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र प्रमंडलीय मुख्यालय की सीट है. यहां सिंचाई के साथ-साथ उद्योग-धंधे की स्थापना की संभावना है. क्योंकि प्रकृति ने इस क्षेत्र को प्रचुर मात्रा में संपदा दी है, पर यहां उस पर आधारित उद्योग-धंधे नहीं लगे. रोजगार का सृजन नहीं हो पा रहा है. उद्योग-धंधे की स्थापना एक बड़ा मुद्दा है. रोजगार नहीं रहने के कारण बड़े पैमाने पर यहां से मजदूर और पढ़े-लिखे युवाओं का पलायन हो रहा है. सोकरा ग्रेफाइट माइंस, सेमरा का चुना-पत्थर माइंस जैसे खदान बंद पड़े हैं. वर्ष 2008 से ही यहां मेडिकल कॉलेज की स्थापना का मामला लंबित है. 2009 में नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, पर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन निर्माण के लिए आज तक भूमि नहीं मिली. यह सब चुनावी मुद्दे होंगे. आम जनता का कहना है कि इसे मुद्दा बनना चाहिए, ताकि इसका निराकरण हो. क्योंकि सिंचाई का समुचित प्रबंधन नहीं होने के कारण किसान व खेतिहर मजदूरों की स्थिति दयनीय है.ईमानदारी के साथ विकास किया : त्रिपाठीडालटेनगंज के विधायक सह मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि पांच वर्षों के दौरान उन्होंने जो कार्य किया, उससे क्षेत्र की जनता पूरी तरह से संतुष्ट है. जनता संतुष्ट है, इसलिए वह भी अपने कार्यों से संतुष्ट हैं. इस बार भी वह विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव मैदान में उतरेंगे. बातचीत में उन्होंने कहा कि पूर्व के राजनेताओं ने यहां जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांट दिया था. नेताओं के प्रति लोगों की आस्था खत्म हो गयी थी. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान कई काम किये गये.सिर्फ घोषणा हुई, धरातल पर नहीं उतरी: दिलीपपिछले चुनाव (2009) में नंबर दो पर रहे युवा नेता दिलीप सिंह नामधारी ने कहा कि डालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र में विधायक ने पिछले वर्षों में वादे बड़े-बड़े किये, लेकिन घोषणाएं धरातल पर नहीं उतरीं. ब्लॉक में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, गरीबों को कोई पूछनेवाला नहीं है. सड़कों का हाल बदहाल है, गरीब खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं. दिलीप ने कहा कि वह जनता को न्याय दिलाने के लिए इस बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. इस बार वह जनता के मुद्दों को ले कर चुनाव मैदान में उतरेंगे. बतायेंगे कि विधायक की घोषणाओं की हकीकत क्या रही.राजनीतिक इतिहास पांच बार नामधारी व चार बार जीते हैं चंदडालटेनगंज विधानसभा क्षेत्र संयुक्त बिहार के समय से ही राजनीति रूप से काफी सशक्त रहा है. झारखंडवाले हिस्से में पड़ने के बावजूद यहां बिहारी राजनीति का असर है. यहां चार बार पी चंद और पांच बार राज्य के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी विधायक रहे हैं. कांग्रेस यहां से दो और भाजपा दो बार जीती है. जदयू ने दो बार जीत दर्ज की है. यहां के राजनीति दल से ज्यादा राजनीतिक व्यक्ति का प्रभाव रहा है. 2009 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी केएन त्रिपाठी जीते गये थे.जनता के बोल फोटो-सुभाष जैन पलामू हटिया ग्रिड से जुड़ गया. प्रतिदिन कम से कम 500 रुपये की बचत हो रही है, शहर के सड़क की स्थिति भी सुधरी है. लेकिन बड़े काम बाकी हैं, यहां मेडिकल कॉलेज और अच्छे स्कूल की जरूरत है. सुभाष जैन, कपड़ा व्यवसायी बिजली की समस्या हद तक दूर हुई है, शहर के सड़क के हाल सुधरे हैं, लेकिन अंतर राज्यीय पथ की स्थिति ठीक नहीं है. युवाओं के रोजगार पर ध्यान देने की जरुरत है. उद्योग-धंधों की स्थापना मुद्दा बनना चाहिए.जंबू जैन, व्यवसायी सिंचाई, सुरक्षा, सड़क की दिशा में काम होना चाहिए. पांच वर्षों में बदलाव तो दिख रहा है, पर अभी सुधार की जरुरत है. यहां से युवाओं का पलायन कैसे रुके, इस पर काम करने की जरुरत है. इसके लिए गंभीरता के साथ काम करना होगा.अशोक चक्रवर्ती, दवा व्यवसायी किसे कहा जाये बदलाव है, बदलाव तो दिखता नहीं, सड़क-नाली का निर्माण तो सामान्य चीज है, इसे आप बदलाव कहेंगे. रोजगार नहीं है, व्यवसायियों को अपेक्षित सुरक्षा नहीं तो बदलाव कहां. तरक्की के लिए सुरक्षा जरुरी है. परवेज अहमद कब-कब कौन-कौन जीते वर्षविजेतापार्टी 1951अमीय कुमार घोषआइसीएन1957उमेश्वरी चरण पीएसपी1962सचिदानंद त्रिपाठीएसडब्ल्यूए1967पी चंदएसएसपी1969पी चंदएसएसपी1972पी चंदएसओपी1977पी चंदजेएनपी1980इंदर सिंह नामधारीभाजपा1985ईश्वर चंद पांडेयकांग्रेस1990इंदर सिंह नामधारीभाजपा1995इंदर सिंह नामधारीजद2000इंदर सिंह नामधारीजदयू2005इंदर सिंह नामधारीजदयू2009केएन त्रिपाठीकांग्रेस एक नजर में नामांकन की तिथि : 28 अक्तूबर से नामांकन की अंतिम तिथि : पांच नवंबरनामांकन पत्रों की जांच : सात नवंबर नाम वापस लेने की तिथि : 10 नवंबर मतदान की तिथि : 25 नवंबर कुल जनसंख्या : 5,36,962पुरुष : 2,77,500महिला : 2,59,463कुल मतदाता : 3,06,887 (इसमें और नाम जोड़े जा सकते हैं)पुरुष : 1,64,475महिला :1,42,412कुल बूथ : 358 पोलिंग स्टेशन : 252 (शहरी-35, ग्रामीण-217)

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