कांग्रेस नहीं, व्यक्ति शर्मिंदा होगा-यूपीए सरकार में मंत्री रहे ‘आरोपी’ को पूछताछ का नोटिसएजेंसियां, नयी दिल्लीभूतपूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि काला धन रखनेवालों की सूची में यदि कांग्रेस के किसी नेता का नाम है, तो इससे वह व्यक्ति शर्मिंदा होगा, कांग्रेस नहीं. उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के अपराध को पार्टी से नहीं जोड़ सकते. एनडीटीवी से साक्षात्कार में चिदंबरम ने कहा कि अप्रैल में, जब वह वित्त मंत्री थे, लिचेस्टीन बैंक ने भारतीय खाताधारकों के नाम उपलब्ध कराये थे, जिसे सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया गया. लिस्ट न उन्होंने देखने की कोशिश की, न उन्हें दिखायी गयी. इसलिए वह नहीं बता सकते कि उसमें किन लोगों के नाम हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में कहा था कि विदेशी बैंकों में काला धन रखनेवालों के नाम सार्वजनिक कर दिये जायें, तो कांग्रेस को शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी. इस पर कांग्रेस ने जेटली पर जबरदस्त हमला किया था और विदेशी बैंक से मिली सूची में शामिल सभी लोगों के नामों का खुलासा करने की चुनौती दी थी.इधर, राजनीतिक गलियारों में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री और बड़े बिजनेस घराने से अच्छे संबंधवाले एक अन्य मंत्री के बेटे और एक राजनीतिक परिवार के वारिस का नाम चर्चा में है. सूत्रों के अनुसार, नयी लिस्ट में 19 लोगों के नाम हैं, जिनके लिचेस्टीन बैंक में खाते हैं. यह लिस्ट दिवाली के बाद सुप्रीम कोर्ट से साझा की जा सकती है. इससे पहले लिस्ट में 20 लोगों के नाम सरकार से साझा किये गये हैं. उधर, यूपीए के दूसरे कार्यकाल में मंत्री रहे ‘आरोपी’ को पूछताछ का नोटिस भेजा गया है. दिलचस्प बात यह कि उनके यूएइ में भी बैंक खाते हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने दावा किया कि वह अपना स्विस खाता काफी पहले बंद कर चुके हैं.गिरा हुआ है कांग्रेस का मनोबलचिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मनोबल गिरा हुआ है. कांग्रेस का जल्द से जल्द पुनर्गठन होना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी को मीडिया और जनता से अधिक से अधिक संवाद रखना चाहिए. चिदंबरम ने कहा कि गैर गांधी भी भविष्य में कांग्रेस अध्यक्ष बन सकता है, लेकिन जब तक सोनिया गांधी अध्यक्ष हैं, वह पार्टी की सर्वोच्च और सर्वस्वीकार्य नेता हैं. राहुल गांधी युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं. उन्होंने कहा कि वाड्रा का मामला औपचारिक तौर पर कभी वित्त मंत्रालय में नहीं आया. सो, उन्हें तथ्यों की जानकारी नहीं है.स्विस बैंकों का चार भारतीयों को फरमान 31 दिसंबर तक निकाल लें अपना पैसात्रस्विस बैंक में धन जमा करनेवालों की पहचान उजागर करने की राह हुई आसानत्रखाता खुलते ही मिल जायेगी सरकार को जानकारीत्रजिनेवा लिस्ट में शामिल 15-20 लोगों पर जल्द कसी जायेगी नकेलनयी दिल्ली. काला धन पर भारत सरकार का दबाव काम करने लगा है. स्विट्जरलैंड के अग्रणी बैंकों ने विवादों में घिरे भारतीय ग्राहकों से दूरी बनानी शुरू कर दी है. ऐसे चार भारतीयों से अपना पैसा 31 दिसंबर तक निकाल लेने को कहा है. इनमें से तीन मुंबई और एक दिल्ली का रहनेवाला है. एक खाताधारक को 30 अक्तूबर तक अपना खाता बंद करने को कहा गया है, जबकि एक को यह साबित करने को कहा गया है कि उसने बैंक में जमा धन पर टैक्स चुकाया है. ये खाते एक दशक पहले खोले गये थे. भारतीय खाताधारकों को ये फोन कॉल जूलियस बेयर, क्रेडिट सुइस और यूबीएस बैंक से आये हैं, जो भारत में कार्यरत कंपनियों के बीच अपनी गोपनीयता और सुविधाओं के लिए जाने जाते हैं. भारत और स्विट्जरलैंड एक ऐसी योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे स्विस बैंकों में खाता खोलनेवाले भारतीय ग्राहकों के नाम तुरंत भारत सरकार को मिल जायें.इस बीच, केंद्र सरकार ने विदेशी बैंकों में अवैध खाताधारकों के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रि या शुरू कर दी है. इसके साथ काला धन रखनेवालों के नाम सार्वजनिक किये जाने की राह आसान हो गयी है. इनमें कई सफेदपोश नेताओं के नाम भी शामिल हैं. द टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार ने विदेश में एक अवैध बैंक खाताधारक के खिलाफ कोर्ट में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिनेवा लिस्ट में शामिल 15-20 और लोगों पर भी जल्द नकेल कसी जायेगी. स्विस प्रशासन लिस्ट में शामिल लोगों की पहचान की पुष्टि कर चुका है. स्विस प्रशासन ने यह शर्त रखी है कि इनकी पहचान सिर्फ कोर्ट के सामने उजागर की जाये. भारत सरकार इस शर्त का पालन करेगी. जेठमलानी का जेटली पर वारवरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने सरकार को पत्र लिख कर मांग की है कि काला धन रखनेवालों के नाम सार्वजनिक किये जायें. जेठमलानी ने अरुण जेटली को निशाने पर लेते हुए लिखा है, ‘आप देश को सुइसाइड की ओर ले जा रहे हैं. मोदी जी को देश को गुमराह करनेवाले बदलाव पर एक्सपोज कर रहे हैं. हो सकता है कि यह आपका उनसे बदला लेने का तरीका हो, क्योंकि जिसे आप अपना ऑफिस (पीएम ऑफिस) समझते थे, वह उन्होंने ले लिया. आप बड़े अपराधियों को बचने में मदद कर रहे हैं. प्लीज, आप मुझे उन नामों की सूची मत भेजिए, जो आपको जर्मनी से मिली है. वे नाम आप एसआइटी को भेज दीजिए, ताकि वह उन्हें बता सकें कि आगे क्या करना है. सुप्रीम कोर्ट जांच कर रहा है, वह कोई जांच एजेंसी नहीं है. मुझे इस बारे में अखबारों से पता चला है.’खत की शुरु आत में उन्होंने लिखा है, ‘सुप्रीम कोर्ट में आपकी अपील एक निहायत खराब पहल है. डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस टैक्स (डीटीएटी) को किसी डॉक्यूमेंट के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि हम एक ही आय पर भारत और जर्मन सरकार को टैक्स देनेवाले लोगों से नहीं लड़ रहे हैं. डीटीएटी सरकार को इन लोगों का नाम बताने से नहीं रोकता है. जर्मनी ने कभी नहीं कहा कि नाम बताने से डीटीएटी संधि का उल्लंघन होगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आपने मुझे 18 ब्लैक मनीवालों के नाम बताये, लेकिन इसमें हसन अली जैसे बड़े लोगों का नाम नहीं होना बताता है कि सरकार असली अपराधियों की पहचान छुपाना चाहती है. आपके व्यवहार को देख कर मुझे पूरी तरह संदेह है कि बाकी ज्यादातर नेताओं की तरह आप भी सच सामने लाना नहीं चाहते.खत के आखिर में उन्होंने खुद को भाजपा से निकाले गये सदस्य के तौर पर अपना परिचय दिया है.
काला धन. पी चिदंबरम ने इंटरव्यू में कहा
कांग्रेस नहीं, व्यक्ति शर्मिंदा होगा-यूपीए सरकार में मंत्री रहे ‘आरोपी’ को पूछताछ का नोटिसएजेंसियां, नयी दिल्लीभूतपूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि काला धन रखनेवालों की सूची में यदि कांग्रेस के किसी नेता का नाम है, तो इससे वह व्यक्ति शर्मिंदा होगा, कांग्रेस नहीं. उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के अपराध को पार्टी […]
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