तसवीर सुनील की हैसंवाददातारांची : मैं अधिवक्ता पहले हंू, सांसद बाद में. अधिवक्ता अपने पेशे के साथ न्याय करें. उन्हें समझना होगा कि उनका पेशा लोगों के लिए है यह बिजनेस नहीं है. अगर अधिवक्ता अपने पेशे में ईमानदारी बरतता है, तो वह एक लीडर की तरह होता है. उक्त बातें शुक्रवार को अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद संजीव कुमार ने कही. वे बार एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे. सांसद ने कहा: वे इसलिए राजनीति में नहीं आये थे कि उनकी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है, बल्कि इसलिए कि यह व्यवस्था परिवर्तन का जरिया है. उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन की लाइब्रेरी को और समृद्ध करने में जो भी मदद हो सकेगी, वह करेंगे. उन्होंने क्लाइंट शेड के निर्माण में मदद का आश्वासन दिया. इससे पूर्व सांसद संजीव कुमार का फूलमाला पहना कर स्वागत किया गया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने बार से जुड़ी समस्याओं का जिक्र किया. कार्यक्रम में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विष्णु दास बनर्जी, सचिव प्रशासनिक कालीचरण साहू, संयुक्त सचिव लाइब्रेरी विनोद कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
मैं अधिवक्ता पहले हंू, सांसद बाद में : संजीव कुमार
तसवीर सुनील की हैसंवाददातारांची : मैं अधिवक्ता पहले हंू, सांसद बाद में. अधिवक्ता अपने पेशे के साथ न्याय करें. उन्हें समझना होगा कि उनका पेशा लोगों के लिए है यह बिजनेस नहीं है. अगर अधिवक्ता अपने पेशे में ईमानदारी बरतता है, तो वह एक लीडर की तरह होता है. उक्त बातें शुक्रवार को अधिवक्ता एवं […]
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